मुजफ्फरपुर के राज राजेश्वरी देवी मंदिर की गिनती उत्तर बिहार के प्रमुख शक्तिपीठों में होती है. मान्यता है कि इस मंदिर में आकर जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से कोई मन्नत मांगता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं. नवरात्रि के दौरान मंदिर में लाखों लोगों की भीड़ लगी रहती है. मान्यता है कि माता सिंदूर और दूब से पूजा करने पर खुश होती हैं. शहर का शायद ही ऐसा कोई व्यापारी हो जो बिना राज राजेश्वरी मां के दर्शन किए दुकान खोलता हो. यहां पर देवी, षोडशी स्वरूप में विराजमान हैं.
राज राजेश्वरी मंदिर का इतिहास: इस मंदिर की स्थापना धर्मानुरागी उमाशंकर प्रसाद उर्फ बच्चा बाबू ने की थी. बताया जाता है कि मंदिर के निर्माण से पहले उनकी पांच बेटियां थीं, बड़ी कोशिशों के बाद भी बेटा नहीं हो रहा था. तब उन्हें कहीं से पता चला कि माता षोडशी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. जिससे उन्हें माता का मंदिर बनवाने की प्रेरणा मिली. इसके बाद बच्चा बाबू ने पंडित निरसन मिश्रा से संपर्क किया. उनके आदेश अनुसार 28 जून 1941 में बच्चा बाबू ने राज राजेश्वरी मंदिर की स्थापना की. मंदिर की स्थापना के बाद बच्चा बाबू को पुत्र फल की प्राप्ति हुई. इसके बाद मंदिर को लेकर लोगों की आस्था बढ़ गई.
बता दें, सोलह अक्षरी के मंत्र वाली राज राजेश्वरी देवी की सोलह भुजाएं एवं दो नेत्र हैं. देवी शांत मुद्रा में लेटे महादेव की नाभि से निकले कमल के आसन पर विराजमान हैं. इसकी गिनती दस महाविद्या में होती है. कहा जाता है कि महर्षि दुर्वासा ने भी माता के इस स्वरूप की आराधना की थी. इस मंदिर का निर्माण वास्तुकला के हिसाब से किया गया है. चाहे देव-प्रतिमाओं की स्थापना हो या परिक्रमा स्थल व गर्भ-गृह का निर्माण, वास्तुकला का ख्याल रखा गया है.
दिल्ली से मुजफ्फरपुर: दिल्ली से मुजफ्फरपुर की दूरी करीब 1,083 किलोमीटर है. आप बस, ट्रेन या फिर फ्लाइट से मुजफ्फरपुर तक का सफर तय कर सकते हैं. बस के रास्ते दिल्ली से मुजफ्फरपुर पहुंचने में केवल17 घंटे 27 मिनट का समय लगता है. वहीं अगर आप ट्रेन से सफर करना चाहते हैं तो इसमें केवल 20 घंटे का समय लगेगा. फ्लाइट से केवल डेढ़ घंटे में आप दिल्ली से मुजफ्फरपुर पहुंच सकते हैं.
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