शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उन्होंने आदेश दिया है कि स्कूलों में प्रत्येक कक्षा के लिए अलग-अलग कमरों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यदि कक्षाओं के अनुपात में पर्याप्त कमरे नहीं हैं, तो निकट के सामुदायिक भवन या सरकारी भवनों का उपयोग कक्ष संचालन के लिए किया जाए, बशर्ते ये भवन स्कूल से 500 मीटर के दायरे में हों।
डॉ. सिद्धार्थ ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी कक्षाओं की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। स्कूल के किसी भी कमरे का उपयोग शैक्षणिक कार्य के अलावा अन्य किसी उद्देश्य के लिए न किया जाए। उन्होंने कहा कि स्कूल भवन की छत बारिश में टपकनी नहीं चाहिए और फर्श भी टूटा नहीं होना चाहिए। बेंच-डेस्क की भी आवश्यकता के अनुसार उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और यदि वे मानकों के अनुरूप नहीं हैं, तो आपूर्तिकर्ता को बदलने के आदेश दिए जाएं। यदि आपूर्तिकर्ता नहीं बदलते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
इसके अलावा, हर स्कूल में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिन स्कूलों में सबमर्सिबल पंप लगे हैं, वहां टंकी और नल लगाना अनिवार्य है। चापाकल की स्थिति की भी निरंतर जांच कराई जाए। शौचालयों की सफाई और उसमें पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।