वरिष्ठ वकील रहे राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) का रविवार को देहांत हो गया. वह 96 वर्ष के थे. 96 वर्षीय राम जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता थे. इनकी गिनती देश के नामचीन क्रिमिनल वकीलों में की जाती रही है. वे भाजपा की ओर से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं.
जेठमलानी अपने बयानों की वजह से भी अक्सर चर्चा में रहे. जेठमलानी ने 17 साल की उम्र में ही वकालत की डिग्री हासिल कर लिया था. तब नियमों में संशोधन कर उन्हें 18 वर्ष की उम्र में प्रैक्टिस करने की इजाज़त दी गई थी. जबकि नियमानुसार प्रैक्टिस की उम्र सीमा 21 वर्ष थी.
जेठमलानी ने जो प्रमुख केस लड़े उनमें नानावटी बनाम महाराष्ट्र सरकार, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह, हर्षद मेहता स्टॉक मार्केट स्कैम, हाजी मस्तान केस, हवाला स्कैम,मद्रास हाईकोर्ट, आतंकी अफजल गुरु, जेसिका लाल मर्डर केस, 2जी स्कैम केस और आसाराम का मामला शामिल है.
इसके साथ ही जेठमलानी ने बाबा रामदेव , राजीव गांधी के हत्यारों , लालू यादव , जयललिता और जगन रेड्डी की पैरवी कर चुके थे.
आज़ाद भारत के इतिहास में कई मोड़ों पर रामजेठमलानी काला कोट पहने खड़े दिखते हैं. एक समय पर देश के सबसे ज़्यादा टैक्स देने वाले लोगों में शामिल रहे जेठमलानी ने कई चर्चित मामलों में मुफ्त में मुकदमा लड़ा.
अपने अंदाज़ और अपने तेवर में कभी भाजपा में रहे जेठमलानी अटल बिहारी कैबिनेट में मंत्री बने थे. बाद में पार्टी से 6 साल के लिए प्रतिबंधित होने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ ही चुनाव लड़ने उतर गए थे.
साल 2017 में लिया था संन्यास
जेठमलानी ने सात दशक लंबे वकालत के करियर से संन्यास लेने की घोषणा साल 2017 में की थी. 94 साल की उम्र में जेठमलानी ने सात दशक लंबे वकालत के करियर से संन्यास लेने की घोषणा करते हुए कहा था कि वह भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे.
पाकिस्तान में हुआ था जन्म
जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1923 को हुआ था. सिंध (पाकिस्तान) के शिकारपुर में जन्म हुआ था.