एसकेएमसीएच में सोमवार को एईएस (एक्यूट इंसेफलाटिस सिंड्रोम) से एक और बच्चे की मौ’त हो गई, जबकि छह को भर्ती कराया गया है। मृ’तक की पहचान शिवहर पिपराही की राजनंदनी के रूप में हुई है। हालांकि, अस्पताल अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने किसी बच्चे की मौ’त से इन्कार किया है। वहीं चार बच्चों की भर्ती होने की बात कही है। इधर, केजरीवाल अस्पताल में भी दो बच्ची को भर्ती कराया गया।
शुक्रवार और शनिवार को हुई बारिश से मौसम में ठंडक के बाद एईएस की भयावहता थोड़ी शांत हुई है। रविवार को एसकेएमसीएच में चार बच्चे की मौत हो गई थी, जबकि छह बच्चों को भर्ती कराया गया था। इस मौसम में एसकेएमसीएच और केजरीवाल मिलाकर कुल 143 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं, 540 भर्ती कराए गए।
ये हुए भर्ती
एसकेएमसीएच में अहियापुर के मो. शर्फूद्दीन, सकरा के राजा कुमार, मीनापुर के पिंटू कुमार, पवन कुमार व केजरीवाल अस्पताल में कांटी की सनम कुमारी और सरैया की भवानी कुमारी को भर्ती कराया गया है।
समस्तीपुर में एईएस बीमारी से पीडि़त एक बच्ची की मौत, दूसरा रेफर
जिले में एईएस का कहर लगातार बढ़ रहा है। रोजाना नए मामले सामने आ रहे हैं। सदर अस्पताल के एईएस वार्ड में सोमवार को मासूम बच्ची की मौत इलाज के दौरान हो गई। आज तीन मरीज को भर्ती कराया गया। इसमें कोरबद्धा निवासी विनोद कुमार सहनी की तीन वर्षीय पुत्री सोनी कुमारी, वारिसनगर निवासी श्याम सदा की 10 माह की पुत्री रुबी कुमारी और सरायरंजन निवासी राजीव कुमार के एक वर्षीय पुत्र दिव्यांशु को चिकित्सा के लिए भर्ती कराया गया।
इसमें सोनी की इलाज के दौरान ही मौत हो गई। जबकि, चिकित्सक ने श्याम सदा को डीएमसीएच रेफर कर दिया। वहीं दिव्यांशु का इलाज गंभीर स्थिति में चल रहा है। वहीं सिविल सर्जन डॉ. सियाराम मिश्र एईएस से बच्ची की मौत मामले से साफ इंकार कर रहे है।
चिकित्सक पर बिफरे सीएस
एईएस बीमारी की वजह से इलाज के दौरान बच्ची की मौत की सूचना मिलते ही सिविल सर्जन, उपाधीक्षक तत्काल मौके पर पहुंचे। साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी। मरीज ने परिजनों ने भी इसको लेकर हल्ला हंगामा किया। जबकि, सीएस एईएस से मौत होने को लेकर साफ इंकार कर रहे है। सीएस ने बच्ची को एईएस वार्ड में भेजने को लेकर ऑन ड्यूटी चिकित्सक पर बिफरते हुए जमकर फटकार लगाई। उपाधीक्षक ने भी चिकित्सक से इस मामले में पूछताछ की।
ईएनटी से शिशु विशेषज्ञ का लिया जा रहा कार्य
सदर अस्पताल के एईएस वार्ड में शिशु रोग विशेषज्ञ के बदले सोमवार की सुबह ईएनटी से ड्यूटी कराई जा रही थी। इसको लेकर ईएनटी विशेषज्ञ ने भी उनसे सिर्फ संबंधित विभाग का ही कार्य कराने की मांग की।
Input : Dainik Jagran