मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (एईएस) की वजह से 126 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं, चमकी बुखार के प्रकोप को लेकर कहा जा रहा है कि यह मुख्य रूप से लोगों में जागरुकता नहीं होने की वजह से तेजी से फैला है. इसके लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार सभी जिम्मेदार है. ऐसे में केंद्रीय और राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है.

 

मुजफ्फरपुर में इन दिनों चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों से पूरा अस्पताल भरा पड़ा है. वहीं, बच्चों की लाश भी दिख रहे हैं. अब इस प्रकोप के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को मुख्य रूप से जिम्मेवार ठहराया जा रहा है.

मुजफ्फरपुर की एक समाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ परिवाद दायर किया है. परिवाद मुजफ्फरपुर सीजीएम कोर्ट में दायर किया गया है. जिस पर सुनवाई 24 जून को होगी.

बताया जा रहा है कि दायर परिवाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा जागरुक्ता अभियान के लिए कुछ भी नहीं किया गया. इस वजह से बिहार में सैकड़ों मासूमों की जान गई हैं. अगर लोग इस बीमारी के प्रति जागरुक होते तो सैकड़ों परिवार के मासूमों की जान बच सकती थी.

आपको बता दें कि बिहार में एईएस का प्रकोप करीब पांच साल से भी अधिक वक्त से चला आ रहा है. ऐसे में न ही राज्य सरकार ने इस पर अहम कदम उठाया और न ही केंद्र सरकार की ओर से इस पर कोई भी काम किया गया है. यहां तक की लोगों में जागरुक्ता के लिए भी कोई बड़ी पहल नहीं की गई. बीते दिनों सीएम नीतीश कुमार ने भी कहा था कि इस साल प्रकोप इसलिए बढ़ा है कि लोगों में इसके प्रति जागरुक्ता में कमी आई है।

Input : Zee News

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