सरकार ने सेना में भर्ती का नया सिस्टम लागू किया है. इसके तहत पहले चार साल के लिए सेना में लिया जाएगा. उसके बाद उनमें से 25 फीसदी सैनिकों का फिर से रिव्यू करके आगे सेना में बनाए रखने पर विचार होगा. इस योजना को अग्निपथ नाम दिया गया है. बुधवार को थलसेना के नवनियुक्त वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने बताया कि समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया कि अग्निपथ योजना के तहत धीरे-धीरे भर्तियां की जाएंगी. पहले साल में 40 हजार सैनिकों की भर्तियां होंगी. अगले 90 दिनों में पहली भर्ती रैली का आयोजन किया जाएगा. अब से करीब 180 दिनों के अंदर नए सैनिक 6 महीने की ट्रेनिंग के लिए तैयार हो सकेंगे. करीब एक साल में अग्निवीरों का पहला बैच बटालियन में शामिल हो सकेगा.
एएनआई के मुताबिक, थलसेना के उप प्रमुख राजू ने बताया कि इस योजना की खासियत ये है कि इससे सेना को ज्यादा नौजवान सैनिक मिल सकेंगे, जो ज्यादा सेहतमंद होंगे और तकनीक के मामले में भी आगे रहेंगे. अभी सेना में सैनिकों की औसत आयु 32-33 साल है. अग्निपथ योजना के तहत 8 से 10 साल के अंदर इसे घटाकर 26 साल के करीब किया जा सकेगा. इससे सेना पहले से ज्यादा फिट रहेगी. इससे सेना को कठिन इलाकों में ज्यादा चुनौतीपूर्ण हालात में काम करने में सक्षम हो सकेगी. इसके अलावा, सेना पहले से कहीं अधिक टेक सेवी यानी तकनीकी तौर पर सक्षम हो सकेगी.
उन्होंने बताया कि तकनीकी क्षेत्रों में भर्तियों के लिए हम ऐसे लोगों की तलाश में हैं, जो ऐसे तकनीकी कौशल में ट्रेंड हैं, जिसकी भारतीय सेना को जरूरत है. इसके लिए हम आईटीआई, पॉलिटेक्निक से प्रतिभावान युवाओं को देखेंगे ताकि उन्हें सेना में मौका दिया जा सके. इसका एक फायदा ये भी होगा कि उन्हें सेना में शामिल करने के बाद ट्रेनिंग देने की जरूरत नहीं रहेगी.
ले. जनरल राजू ने एएनआई को बताया कि अग्निपथ योजना के तहत पूरे देश से युवाओं को लिया जाएगा. उन्हें 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी. उसके बाद उन्हें 3.5 साल सेवा करनी होगी. चार साल पूरे होने के बाद हम ऐसे करीब 25 फीसदी लोगों को सेना में बनाए रखने पर विचार करेंगे, जिनमें सेना में रहने लायक योग्यता और नजरिया होगा. बाकी 75 फीसदी लोगों को रिलीज कर दिया जाएगा. थलसेना उप प्रमुख ने कहा कि इस तरह के हम खुद को भविष्य की लड़ाइयों के लिए ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार कर पाएंगे.
मंगलवार को अग्निपथ योजना की घोषणा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साझा प्रेस कान्फ्रेंस में बताया था कि इसके तहत भर्ती होने वाले युवाओं को पहले साल 4 लाख 76 हजार रुपये का सालाना पैकेज मिलेगा, जो 4 साल में बढ़कर 6 लाख 92 हजार रुपये तक पहुंच जाएगा. यानी हर महीने 50 हजार रुपये से अधिक की सैलरी होगी. वहीं, चार साल की नौकरी पूरी होने पर सेवा निधि के रूप में 11.7 लाख रुपये दिए जाएंगे.
Source : News18