कोरोना को आए करीब तीन साल होने को है लेकिन इसका कहर अब भी बदस्तूर जारी है. पूरी दुनिया में इस वक्त भी कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है और पश्चिमी देशों में कुछ नए वेरिएंटों ने भी दस्तक देनी शुरू कर दी है. कोरोना के इस नए वेरिएंट का पता लगाने में कई-कई दिन लग जाते हैं. आरटीपीसीआर टेस्ट में करीब 24 घंटे का समय लगता है. लेकिन अमेरिकी वैज्ञानिकों ने अब एक ऐसा तरीका इजाद किया जिसके अतर्गत कोरोना के सभी वेरिएंट का टेस्ट सिर्फ एक घंटे में हो जाता है.
सभी वेरिएंट का सटीक पता
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि SARS-CoV-2 के किसी भी वेरिएंट का पता सिर्फ एक रैपिड टेस्ट से एक घंटे के अंदर लग जाएगा. इस टेस्ट को CoVarScan नाम दिया गया है. यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के शोधकर्ताओं ने इस CoVarScan से 4000 सैंपल का टेस्ट किया है. शोधकर्ताओं के इस अध्ययन को क्लीनिकल केमिस्ट्री जर्नल में प्रकाशित भी किया गया है. शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि CoVarScan से वर्तमान में पाए जाने वाले सभी वेरिएंट का सटीक पता लगाया जा सकता है.
यह अब तक इजाद किसी भी टेस्ट विधि से ज्यादा सटीक है. सबसे खास बात यह है कि चाहे सैंपल में कोई भी वेरिएंट क्यों न हो, उसका पता आसाना से लगा लिया जाता है.
फिलहाल कोई भी टेस्ट एक घंटे में वेरिएंट का पता नहीं लगाता
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के प्रोफेसर और इस अध्यन के प्रमुख शोधकर्ता जेफरी सोरेले ने बताया कि इस टेस्ट के इस्तेमाल से सामुदायिक स्तर पर पाए जाने वाले सभी वेरिएंट का पता तो जल्दी लगाया ही जाता है, इसके अलावा अगर कोई नया वेरिएंट सामने आया है, तो यह टेस्ट इसे भी बता देता है. जेफरी सोरेले ने बताया कि जब हम इलाज के लिए अलग-अलग प्रतिक्रिया देने वाले वेरिएंट के साथ काम कर रहे हैं, तो इसका प्रभाव मरीजों पर भी पड़ता है.वर्तमान में जितने भी कोविड टेस्ट हैं उनसे आमतौर पर कोविड-19 के जेनेटिक मैटेरियल या छोटे-छोटे अणुओं का पता चलता है. इन टेस्टों से वेरिएंट का पता नहीं चलता. इसके लिए सैंपल को अलग जगह पर भेजना होता है. लेकिन CoVarScan में वेरिएंट का पता भी एक घंटे में चल जाता है.
Source : News18