मुज़फ़्फ़रपुर : नगर थाना क्षेत्र के जगरनाथ ग्वाला गली उर्फ बीबी नसीबन लेन में एक सरकारी अधिकारी द्वारा कथित रूप से गोली चलाने के आरोप लगे हैं। नगर थाना पुलिस घटना स्थल पर पहुँच आरोपों के सत्यता की जाँच पड़ताल कर रही है।

 

 

घटना के संदर्भ में बताया जाता है कि गत गुरुवार की संध्या अग्निशमन पदाधिकारी संतोष कुमार पांडेय ने दहशत फैलाने के उद्देश्य से अशोक राय के घर पर गोली चलाई जो कमरे की खिड़की का शीशा तोड़ते हुए कमरे में गिरी।

पीड़ित अशोक राय के घर की महिलाओं ने बताया की बीती शाम घर के अग्निशमन परिसर से अग्निशमन पदाधिकारी संतोष कुमार पांडेय ने गोली चलाई, कमरे में मेरे बच्चे पढ़ रहे थे जो गोली चलने की आवाज से डर कर नीचे की ओर भागे। शोर गुल सुन कर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और पुलिस को कई बार सूचना दी पर पुलिस नहीं पहुंची।

पीड़ित पक्ष का कहना है की उनके घर के बगल वाली यह उनकी पुस्तैनी जमीन है, जिसपर पूर्वजों के समय से उनका कब्जा है। और वे इसमें गंदा पानी और गाय का गोबर फेंकते हैं जिससे संतोष पांडेय को आपत्ति है। अग्निशमन विभाग उनकी निजी जमीन को सरकारी बताकर हथियाना चाहते हैं। इसका वे लोग विरोध कर रहे हैं।

इसी को लेकर बराबर विवाद होता रहता है। जिसमें अग्निशमन अधिकारी संतोष पांडेय द्वारा बराबर वे गोली चलाने की बात कही जाती थी, अंततः बीते गुरुवार को उन्होंने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली चला दी।

अशोक राय के भतीजे विक्की ने बताया की उनके घर में बच्चियाँ भी है। अक्सर संध्या में अग्निशमन के कर्मी परिसर में बॉलीबॉल खेलते हैं और उनके घर की लड़कियों पर फब्तियां और तंज कसते हैं। इसका विरोध करने पर भी अक्सरहाँ विवाद करते हैं।

वहीं इस मामले में अग्निशमन पदाधिकारी संतोष कुमार पांडेय ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा की अग्निशमन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर चल रहा यह विवाद पचासों साल पुराना है। अग्निशमन कार्यालय के चार द्वार थे, जिसमें एक द्वार उनके घर के बगल से भी है, जिस पर उन्होंने अवैध कब्जा किया हुआ है और मालिकाना हक़ जताते हुए अब तक जमीन की चाहरदीवारी नहीं होने दी।

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मेरे द्वारा गोली चलाने की बात बिल्कुल मिथ्या और भ्रामक है। त्योहार का समय है, पटाखे और रॉकेट से भी खिड़की का शीशा टूट सकता है, और आरोप लगाने वाले भी स्वच्छ छवि के नहीं हैं।

संतोष कुमार पांडेय बताया कि अग्निशमन कार्यालय परिसर की घेराबंदी को लेकर मुख्यालय और जिलाधिकारी से आदेश प्राप्त हो चुका है, जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा है की अंचलाधिकारी और सक्षम पदाधिकारी की मौजूदगी में जमीन की मापी करवा कर अवैध निर्माण और कब्जे को अतिक्रमणमुक्त किया जाए। इस दिशा में चल रही तैयारियों के मद्देनज़र अतिक्रमणकारियों में खलबली है जिस वजह से इस तरह के बेबुनियाद और मनगढंत आरोप लगाए जा रहे हैं जिसमें कोई सच्चाई नहीं है।

मौके पर पहुंचे नगर थाना के दारोगा ओमप्रकाश ने बताया की अशोक राय द्वारा गोली चलने के आरोपों के सत्यता की जाँच की जा रही है।

बता दें की इससे पूर्व भी तत्कालीन अग्निशमन पदाधिकारी नागेंद्र उपाध्याय के कार्यकाल में भी अग्निशमन परिसर पर अवैध कब्जे को लेकर विवाद हो चुका है। जहाँ एक ओर अशोक राय और उनके रिश्तेदार द्वारा इस जमीन पर मालिकाना हक जताते हैं वहीं अग्निशमन अधिकारी इसे विभाग की जमीन बताते हैं। अब पीड़ित के आरोपों और अग्निशमन अधिकारी के बयान में कितनी सच्चाई है यह जाँच का विषय है।

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