पेरिस ओलंपिक में भारत के अमन सहरावत ने 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। अमन ने प्यूर्टो रिको के डरलिन तुई क्रूज को हराकर भारत के लिए छठा मेडल हासिल किया। इस जीत के साथ ही अमन ने अपने दिवंगत पिता का सपना भी पूरा किया, जिन्होंने अपने बेटे को ओलंपिक में मेडल जीतते देखने की इच्छा जताई थी।
इससे पहले, अमन ने प्री क्वार्टर फाइनल और क्वार्टर फाइनल में अपने प्रतिद्वंद्वियों को टेक्निकल सुपीरियॉरिटी के जरिए मात देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। अमन के इस प्रदर्शन के बाद देशवासियों को उनसे गोल्ड या सिल्वर मेडल की उम्मीद थी। हालांकि, सेमीफाइनल में उन्हें जापानी रेसलर के सामने हार का सामना करना पड़ा, जहाँ वे एक भी प्वाइंट नहीं बना सके।
अमन सहरावत का जन्म 16 जुलाई 2003 को हरियाणा के झज्जर जिले के भिड़होड गांव में हुआ था। मात्र 8 साल की उम्र में उन्होंने कुश्ती शुरू की थी। अमन के जीवन में कठिनाइयों का दौर तब शुरू हुआ जब 11 साल की उम्र में उनकी मां का हार्ट अटैक से निधन हो गया। इसके कुछ महीने बाद उनके पिता भी गंभीर बीमारी के चलते चल बसे। इन परिस्थितियों में अमन के मौसेरे भाई दीपक के साथ अभ्यास जारी रखा। उनके पिता की हमेशा से यही इच्छा थी कि परिवार से कोई देश के लिए मेडल जीते, और अमन ने इस सपने को सच कर दिखाया।