मेनटेनेंस के बगैर गया जिले के शेरघाटी के अनुमंडलीय अस्पताल की एम्बुलेंस खटारा हो गई है। हाल यह है कि हर सुबह एम्बुलेंस को चालू करने के लिए स्वास्थकर्मियों को जोरदार धक्का देना पड़ता है। मरीजों को अस्पताल लाने-ले जाने के दौरान दिन-भर बीच रास्ते में ही एम्बुलेंस के बंद होने का डर बना रहता है सो अलग। यह स्थिति महीनों से बनी हुई है, मगर इसकी मरम्मत नहीं करवायी जा रही है।

umanag-utsav-banquet-hall-in-muzaffarpur-bihar

हकीकत यह है कि शेरघाटी अस्पताल की एम्बुलेंस के फर्श और पांवदान तक टूटे हैं। खिड़कियों में शीशे नहीं हैं। एयरकंडिशनिंग सिस्टम और पंखे की बात बेकार है। हेडलाइट और बैकलाइट में खराबी है सो अलग। एम्बुलेंस के गेट को बंद रखने के लिए ऑटोमैटिक लॉक की जगह सुतली-रस्सी का उपयोग किया जा रहा है। मरीजों को ढोने वाली गाड़ी का कई सालों से फिटनेस फेल है। वाहन का इंश्योरेंस तक नहीं है।

nps-builders

गौर करने वाली बात यह है कि मुख्य मार्गों पर बाइक सवारों के हेलमेट चेक कर जुर्माना वसूलने वाली पुलिस या परिवहन अधिकारियों ने भी मरीजों की जान को खतरे में डालकर ऐम्बुलेंस का संचालन किए जाने के प्रति आंखें मूंद ली हैं। ऐम्बुलेंस चालक प्रवीण मालाकार ने बताया कि इसकी मरम्मत के लिए कई दफे जिम्मेवार अधिकारियों को सूचना दी गई है। इधर अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डा.राजेंद्र प्रसाद सिंह कहते हैं कि एम्बुलेंस के मेनटेनेंस के लिए आउटसोर्सिंग कम्पनी के अधिकारियों को कई बार पत्र लिखे गए हैं।

Source: Hindustan

Genius-Classes

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *