सात चरणों तक चले लोकसभा चुनावों के नतीजे मंगलवार को घोषित हो गए। परिणाम चुनावी मैदान में उतरे कई उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर लाया तो कई उम्मीदवारों को हार का मुंह भी देखना पड़ा। किसी ने बहुत ही कम मार्जिन से जैसे तैसे जीत दर्ज की तो किसी ने अपने नाम रिकॉर्ड भी बना डाला। केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने गांधीनगर लोकसभा सीट से 744716 रिकॉर्ड वोटों से कांग्रेस के रमनभाई पटेल को हराया। शाह को 1010972 वोट मिले।
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को 8.21 लाख वोटों से जीत मिली। पर एक नेता ऐसा भी है जिन्होंने कल इन दोनों दिग्गजों को भी पीछे छोड़ दिया है। इनका नाम है- रकीबुल हुसैन, जो असम के धुबरी से कांग्रेस उम्मीदवार थे। हुसैन ने एआईयूडीएफ के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को दस लाख से अधिक मतों से हराकर रिकॉर्ड बनाया है। यह असम की ऐसी लोकसभा सीट है जहां अब तक हुए लोकसभा चुनावों में सिर्फ मुस्लिम उम्मीदवार ही चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं।
कांग्रेस के रकीबुल हुसैन ने 1471885 वोट हासिल कर एआईयूडीएफ के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को 1012476 मतों से मात दी है। अजमल को 459409 वोट मिले हैं। बदरुद्दीन अजमल धुबरी से लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रहे थे। असम में इस बार एआईयूडीएफ का खाता नहीं खुला है। एनडीए ने असम में 11 सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है। रकीबुल हुसैन 2021 से असम विधान सभा में विपक्ष के उपनेता के रूप में कार्यरत हैं। वह समागुरी विधानसभा क्षेत्र से असम विधान सभा के सदस्य हैं। धुबरी लोकसभा सीट से इस बार कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार बनाया था।
लोकसभा चुनाव में हालांकि बीजेपी के उम्मीदवार रकीबुल हुसैन का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इंदौर से भाजपा के सांसद शंकर लालवानी 11.72 लाख वोटों के अंतर से जीत के साथ इस सूची में टॉप पर बने हुए हैं। बीजेपी का कहना है कि उनकी जीत का अंतर संभवत: देश के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक है।
असम की धुबरी लोकसभा सीट पर 86 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था। धुबरी लोकसभा सीट असम की 14 लोकसभा सीटों में से एक है। यहां की साक्षरता दर करीब 50 फीसदी है। यह सीट 1951 में अस्तित्व में आई। धुबरी में कांग्रेस का दबदबा रहा है। हालांकि 2004 के बाद से उसे यहां पर जीत नहीं मिली है। AIUDF के बदरुद्दीन अजमल ने 2019 के चुनाव में कांग्रेस के अबू ताहिर को हराया था। धुबरी लोकसभा सीट पर पुरुष मतदाताओं की संख्या 6,18,309 हैं। वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 5,77,336 है। अन्य मतदाता 75 हैं। कुल मतदाता 11,95,720 हैं।
इस बार के चुनाव परिणामों ने देशभर में कई राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं और नए नेताओं का उदय भी हुआ है। जीत और हार के इस खेल में जनता ने एक बार फिर से अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है।