पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने गुरुवार को ऐलान कर दिया कि वह बीजेपी जॉइन करेंगे. दो दिन पहले वह नालंदा के सिलाव में भगवामय नजर आए थे. इसी के बाद से उनके बीजेपी के शामिल होने की चर्चा से फिर से जोर पकड़ लिया था.
वहीं आरसीपी सिंह ने एक बार फिर पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर नीतीश कुमार पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सात जन्म में भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं. वहीं उन्होंने केंद्र में मंत्री बनने के सवाल पर कहा कि नीतीश कुमार झूठ बोल रहे हैं. नीतीश कुमार की सहमति से ही मंत्री बना था. ललन सिंह को भी इस बारे में जानकारी थी.
मालूम हो कि बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने दावा किया था कि आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल जाने को लेकर उनकी मंजूरी नहीं थी. केंद्रीय मंत्रिपरिषद में अधिक सीटें मांगे जाने पर बीजेपी ने उस वक्त जेडीयू से कहा था कि वह सिर्फ एक ही मंत्री पद दे सकती है क्योंकि शिव सेना को भी एक ही मंत्री पद दिया गया है.
6 अगस्त को जेडीयू से दे दिया था इस्तीफा
कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दांया हाथ माने जाने वाले जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरपीसी सिंह ने 6 अगस्त को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था. उन्होंने नालंदा में अपने गांव मुस्तफापुर में इस्तीफे का ऐलान किया था. दरअसल, जदयू ने उन्हें तीसरी बार राज्यसभा भेजने से मना कर दिया था, जिसकी वजह से उन्हें मोदी सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.
इस्तीफे की घोषणा के साथ ही उन्होंने कहा था कि इस पार्टी में कुछ नहीं बचा है. वो (JDU)डूबता हुआ जहाज है. हमसे चिढ़ है, तो हमसे निपटो, हमारे पास विकल्प खुले हुए हैं. मोदी सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद जब आरसीपी सिंह पटना पहुंचे थे तो उन्होंने अपनी मंशा साफ की थी. उन्होंने कहा था- वह शांत नहीं बैठेंगे. मैं जमीन का आदमी हूं, संगठन का आदमी हूं और संगठन में काम करूंगा.
2016 में जेडीयू ने दोबारा भेजा था राज्यसभा
साल 2016 में आरसीपी सिंह को जेडीयू ने दोबारा राज्यसभा भेजा था और शरद यादव की जगह राज्यसभा में पार्टी का नेता भी मनोनीत किया था. वहीं, नीतीश कुमार ने जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ा तो आरसीपी सिंह को ही पार्टी की कमान सौंपी गई.
इस तरह नीतीश के बाद जेडीयू में वो नंबर दो की हैसियत वाले नेता बन गए. लेकिन मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनने के बाद उनके रिश्ते में दरार आने लगी. आरसीपी को तीसरी बार जेडीयू से राज्यसभा पहुंचने का मौका नहीं मिला, जिसके चलते उन्हें मोदी कैबिनेट छोड़ना पड़ा.
Source : Aaj Tak