दिल्ली में मंकीपॉक्स का पांचवां मामला सामने आया है। नाइजीरिया की यात्रा कर चुकी अफ्रीकी मूल की एक 22 वर्षीय महिला को मंकीपॉक्स की पुष्टि होने के बाद इलाज के लिए एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की टीम सभी संक्रमित और संदिग्ध मरीजों का इलाज कर रही है।
लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में मंकीपॉक्स का 5वां मामला सामने आया है। डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि एक 22 वर्षीय महिला के नमूने शुक्रवार को पॉजिटिव पाए गए और वर्तमान में वह अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में है।
डॉ. ने बताया कि एक मरीज को एलएनजेपी में भर्ती कराया गया है और उसके नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं। वर्तमान में 4 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं और एक को छुट्टी दे दी गई है। दिल्ली में मंकीपॉक्स के कुल पांच मामले सामने आए हैं। वह कल पॉजिटिव आई थी। डॉक्टरों की टीम उसका इलाज कर रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि महिला की हाल ही में कोई ट्रैवल हिस्ट्री भी नहीं है, लेकिन एक महीने पहले उसने यात्रा की थी।
Delhi reports 5th monkeypox patient
A patient was admitted in LNJP & her sample tested positive for monkeypox y'day. At present, 4 patients are admitted, 1 discharged. Total 5 cases have yet been reported here. Team of doctors is treating her: Dr Suresh Kumar, MD LNJP hospital pic.twitter.com/8mzmTB23Y2
— ANI (@ANI) August 13, 2022
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने के एक दिन बाद दिल्ली में इस साल 24 जुलाई को मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हुई थी।
केंद्र सरकार ने भारत में फैले वायरस की जांच के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिनमें से एक देश के प्रवेश बिंदुओं पर निगरानी भी शामिल था।
अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को बीमार व्यक्तियों, मृत या जीवित जंगली जानवरों और अन्य लोगों के निकट संपर्क में आने से बचने की सलाह दी गई है। भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल के कोल्लम जिले में 14 जुलाई को सामने आया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस (जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस) है, जिसमें चेचक के रोगियों में अतीत में देखे गए लक्षणों के समान लक्षण होते हैं, हालांकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है।
Source : Hindustan