भूमि सुधार उप समाहर्ता (डीसीएलआर) जमीन से जुड़े विवाद का निपटारा हर हाल में निर्धारित समय सीमा 90 दिन के अंदर करेंगे। साथ ही, डीसीएलआर को यह ध्यान रखना होगा कि वे बिना दोनों पक्षों की सुनवाई किए किसी मामले को खारिज नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि राज्य में जमीन विवाद से जुड़े मामलों का निपटारा प्रारंभिक स्तर पर करने के लिए सभी डीसीएलआर को अधिकार दिया गया है। इन्हें बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम, 2009 के तहत यह अधिकार मिला है। जमीन विवाद से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए डीसीएलआर को सप्ताह में चार दिन अपना कोर्ट लगाना होगा।
इससे संबंधित आदेश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त और सभी जिलों के डीएम को जारी किया है। इन्हें जिलास्तर पर ऐसे मामलों की लगातार समीक्षा करते रहने के लिए कहा गया है। ताकि डीसीएलआर के स्तर पर 90 दिन से अधिक समय तक कोई भी मामला लंबित नहीं रहे। सभी डीएम क्षेत्र भ्रमण के दौरान डीसीएलआर के स्तर से निपटाए और लंबित मामलों की समीक्षा करेंगे। साथ ही इस व्यवस्था को सुचारू ढंग से जारी रखने के लिए उचित दिशा-निर्देश भी देंगे। मामलों की नियमित समीक्षा भी करते रहे, ताकि निष्पादन त्वरित गति से हो सके।
Source : Hindustan