बिहार कैबिनेट ने राज्य के 31 जिलों में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की स्वीकृति दी है। ये नए औद्योगिक क्षेत्र राष्ट्रीय और राज्य उच्च पथ के समीप विकसित किए जाएंगे। इसके साथ ही, अरवल, जमुई, कैमूर, सारण, शिवहर, शेखपुरा और बांका जैसे जिलों में, जहां अभी तक कोई औद्योगिक क्षेत्र नहीं है, वहां भी नए औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए जाएंगे।
बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) द्वारा इन औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा। वर्तमान में, बियाडा ने राज्य में कुल नौ कलस्टर और 84 औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किए हैं, जिनमें कुल 7592.39 एकड़ जमीन है। वर्तमान में 1861.03 एकड़ जमीन का आवंटन शेष है, जिसके लिए नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जाएगा।
नए औद्योगिक क्षेत्र इन जिलों में विकसित होंगे:
गोपालगंज, जहानाबाद, अररिया, सीवान, सुपौल, औरंगाबाद, कटिहार, किशनगंज, खगड़िया, गया, दरभंगा, नवादा, नालंदा, पटना, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, बक्सर, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, मधुबनी, मधेपुरा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, रोहतास, लखीसराय, वैशाली, समस्तीपुर, सहरसा और सीतामढ़ी।
बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर और जेपी गंगा पथ के लिए रेलवे देगी जमीन
कैबिनेट ने बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर और जेपी गंगा पथ के विस्तार के लिए हार्डिंग पार्क की राज्य सरकार की जमीन रेलवे को देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके बदले में, रेलवे पटना सिटी में पटना घाट और दानापुर स्टेशन के पास की जमीन राज्य सरकार को देगा। हार्डिंग पार्क की 4.80 एकड़ जमीन के बदले रेलवे, दानापुर रेलवे स्टेशन के पास 14.38 एकड़ जमीन और पटना घाट की 18.54 एकड़ जमीन का आदान-प्रदान करेगा। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 98.24 करोड़ रुपये होगी।
राज्य सरकार की जमीन लेने के बाद, रेलवे हार्डिंग पार्क में टर्मिनल स्टेशन, लोकल ट्रेनों के लिए प्लेटफार्म और अन्य सुविधाएं विकसित करेगा। कैबिनेट ने 30 जून और 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के सेवा निवृत्ति लाभों की गणना के लिए वैचारिक वेतनवृद्धि को भी स्वीकृति दी है। साथ ही, बिहार वित्त नियमावली 1950 के नियम -131(ख) (131बी) में संशोधन की भी स्वीकृति दी गई है।