सूबे के नये डीजीपी आरएस भट्टी पदभार के साथ ही एकदम सख्त तेवर में दिख रहे हैं।बुधवार को जिला व मुख्यालय स्तर के अधिकारियों से रूबरू होते हुए डीजीपी ने कानून-व्यवस्था बनाये रखने की हिदायत दी। पद संभालने के बाद अपनी पहली बैठक में उन्होंने सभी एसपी को निर्देश देते हुए कहा कि अपने जिले के वैसे थानों को चिन्हित करें, जहां पर सबसे ज्यादा अपराध होते हैं। इन थानों में सप्ताह में दो या तीन दिन जाकर समीक्षा करें और अपराध नियंत्रण के लिए कारगर रणनीति तैयार करें।साथ ही जिन थानों में कम अपराध होते हैं वहां भी सप्ताह में एक दिन जाकर समीक्षा करें। राज्य में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया गया हैं।
बता दें कि डीजीपी ने बुधवार को जिला, रेंज से लेकर मुख्यालय स्तर के सभी अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन घंटे तक समीक्षा बैठक की।
डीजीपी ने करीब 50 मिनट तक के अपने उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि अब जिलों में छोटी बातों पर थानेदार को सस्पेंड नही किया जाएगा।उन्होंने निर्देश दिया कि पहले उन्हें डांटे और समझाएं। अगर इसके बाद भी वे नहीं सुधरते हैं, तब कार्रवाई करें। क्योंकि कार्रवाई का सीधा असर उनके परिवार पर पड़ता है। अगर कोई भ्रष्टाचार में लिप्त या किसी अपराधी को शह दे रहा है, तो ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें। कहा कि वह जल्द राज्य के उन थानों का दौरा करेंगे, जहां अपराध सर्वाधिक है।तब संबंधित थाने से जुड़ी तमाम बातों को भी देखेंगे।
डीजीपी ने अधिकारियों से कहा कि अपराधियों को दौड़ाते रहें, तभी अपराध कम होगा। सभी जिलों के एसपी और थानेदारों को चेताते हुए उन्होंने कहा कि क्रिमिनल को नहीं दौड़ाओगे तो वो आपको दौड़ाएगा। चुन लो दोनों में से क्या करना है और मैं देखूंगा कि आप क्रिमिनल को दौड़ा रहे हो या नहीं। खाली बैठा अपराधी खुराफात करेगा। तय आपको करना है कि दौड़ाना है या पीछे दौड़ना है।
इस दौरान डीजीपी ने सभी एसपी को लंबित मामलों के अनुसंधान में तेजी लाने का निर्देश दिया। कहा कि अगर किसी एफआईआर में कोई फर्जी नाम जोड़ दिया गया है, तो उसे बिना जांच-पड़ताल किये सिर्फ सही नहीं कर दें। निर्दोष के नाम को हटाना ही वरीय पदाधिकारियों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि किसी धरना-प्रदर्शन या पर्व-त्योहारों के मौके पर शांति व्यवस्था भंग करने की फिराक में रहने वाले लोगों पर तुरंत कार्रवाई करें।
डीजीपी ने अपने पहले बैठक में सभी स्तर के पुलिसकर्मियों को आपसी समन्वय के साथ काम करने को कहा। एसपी छोटी-छोटी बातों के लिए सीधे मुख्यालय से संपर्क नहीं करें। अपने रेंज आईजी और डीआईजी के पास पहले जायें। अगर निजी शिकायत हो, तो कभी मुख्यालय आ सकते हैं। थानेदारों को कहा कि दारोगा और जमादार पर काम का बोझ नहीं लादें। उन्होंने पुलिसकर्मियों की नियमित ट्रेनिंग पर भी जोर दिया। साथ ही उन्होंने पुलिस वालों के वर्दी पर भी ध्यान देने को कहा।