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अटलजी ने कहा था एक दिन ऐसा आएगा जब पूरे देश में कमल खिलेगा, आज सच हो रही उनकी भविष्यवाणी

जिस घड़ी का आपको बेसब्री से इंतजार था वो घड़ी आ गई है। जी हां लोकसभा चुनावों की मतगणना शुरू हो गई है। EVM और बैलेट पेपर की गिनती साथ हो रही है। NDA 347 सीटों पर आगे है तो UPA भी 91 सीटों पर आगे चल रही है। अन्य पार्टियां भी 104 सीटों पर आगे चल रही हैं। यदि यही रुझान नतीजों में बदलते हैं तो बीजेपी करीब 300 सीट हासिल कर लेगी।
ऐसे में अटल जी की एक पुरानी कही बात याद आ गई उन्होंने कहा था कि एक दिन ऐसा आएगा जब देश के हर हिस्से में कमल खिलेगा। अटलजी ने कहा था कांग्रेस मुझ पर हंस रही है। एक दिन ऐसा आएगा जब पूरे देश में BJP का राज होगा और लोग कांग्रेस पर हसेंगे आज 23 मई 2019 को लोकसभा चुनावों के जो नतीजे आ रहे हैं उससे लगता है अटलजी की भविष्य वाणी सच साबित हो रही है।
बता दें कि दिल्ली की उत्तर पूर्व सीट से मनोज तिवारी जीत चुके हैं। उन्होंने शीला दीक्षित को करीब 4 लाख वोटों से हराया है। मनोज को 732660 वोट मिले तो शीला को 382673 वोट मिले। वहीं ANI के ट्वीवट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया और दुबई में लोगों ने मोदी की जीत का जश्न मनाया है। वहीं लाल कृष्ण आडवाणी ने मोदी को मिलती दिख रही प्रचंड जीत पर बधाई दी है। उन्होने कहा है मैं नरेंद्र भाई को जीत की बधाई देता हूं। पंजाब की गुरदासपुर सीट से सनी देओल 1.50 लाख वोटों से आगे चल रहे हैं। भोपाल में बड़ी जीत की ओर हैं साध्वी प्रज्ञा वो ढाई लाख वोटों से आगे चल रही हैं। ANI से UP के सीएम योगी ने कहा है कि वो 300 से अधिक सीट जीतने के लिए मोदी जी को बधाई देते हैं। वहीं रूस के राष्ट्रपति ने मोदी को दोबारा जीतने की बधाई दी है। साथ ही इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने मोदी को दोबारा जीत की बधाई दी है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एग्जिट पोल सही साबित हुए। इस शानदार प्रदर्शन के लिए बीजेपी और एनडीए बधाई। पीएम मोदी और अमित शाह ने प्रोफेशनल अभियान के जरिए ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। दूसरी तरफ पश्विम बंगाल में BJP 18 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं बिहार की पटनासाहिब सीट पर शत्रुघ्न सिन्हा बुरी तरह पिछड़ गए हैं। रविशंकर प्रसाद उनसे काफी आगे हैं। वहीं थोड़ी देर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर जब लोग और मीडिया पहुंची तो उनकी मां हीरा बेन ने उनका हाथ जोड़कर अभिवादन किया।
एक्जिट पोल में NDA को बहुमत : Exit Poll पर नजर दौड़ाई जाए तो इस बार के लोकसभा चुनाव में आजतक एक्सिस माई इंडिया के मुताबिक एनडीए की सरकार आती हुई दिखाई दे रही है। एनडीए की सीटें 300 के पार जा सकती है। वहीं यूपीए के लिए 100 का आंकड़ा भी पार करना मुश्किल नजर आ रहा है।
बता दें कि लोकसभा की कुल 542 सीटें में से बहुमत के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को कम से कम 272 सीटें चाहिए। आजतक एक्सिस माई इंडिया के मुताबिक 542 सीटों में एनडीए को 339-365 सीटें, यूपीए को 77-108, सपा-बसपा को 10-16 और अन्य के खाते में 69-95 सीटें मिलेंगी।
विपक्ष EVM पर उठा रहा सवाल : एक्जिट पोल के रुझानों से एक तरफ NDA गदगद है तो दूसरी तरफ विपक्ष न केवल एक्जिट पोल, बल्कि पूरी चुनावी प्रक्रिया पर ही सवाल उठा रहा है। ईवीएम पर शंका-आशंका को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की भावी सियासी तस्वीर क्या होगी, आज इसका फैसला हो जाएगा।
मोदी बनाम राहुल : देश के 90 करोड़ वोटरों में से 60 करोड़ से ज्यादा ने अगले पांच साल के लिए किसे अपना भाग्यविधाता चुना है, इस पर से भी पर्दा उठ जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी और विपक्ष के बीच करीब दो माह चली चुनावी जंग में किसे मिलेगा ताज और कौन होगा सरताज, यह भी साफ होगा।
2014 में एग्जिट पोल सही साबित हुए : 2014 का लोक सभा चुनाव में मोदी लहर का अनुमान एग्जिट पोल्स में दिखा था। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में सभी ने भाजपा नीत एनडीए की जीत को सुनिश्चत करार दिया था। इसमें एक एजेंसी ने एकदम सही कयास लगाया था। एजेंसी ने बीजेपी को 291 और एनडीए को 340 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। रिजल्ट के दिन 543 सीटों में से बीजेपी को 282 और एनडीए को 336 सीटें मिलीं थीं। इसमें यूपीए 59 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। जबकि अनुमान 97-135 सीटें मिलने का था। इसमें कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।
धराशायी हो गए थे 2004 के एग्जिट पोल : चुनावी सर्वे एजेंसियों के लिए 2004 का लोक सभा सबसे ज्यादा निराश करने वाला था। इस चुनाव में सारी एजेंसियों के आकलन फेल हो गए थे। इसे सबसे बड़ा फेल्योर माना गया। सभी एजेंसियों ने ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा देने वाली एनडीए को दोबारा जनादेश मिलने का अनुमान लगाया था। रिजल्ट के दिन एनडीए 200 का आंकड़ा भी नहीं छू पाई थी। 1999 में कारगिल युद्ध जीतने के बाद भी एनडीए 189 सीटों तक सिमट कर रह गई थी। इस चुनाव में 222 सीटें हासिल करने वाली यूपीए ने समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सहयोग से सत्ता हासिल की।
2009 के एग्जिट पोल भी फेल हुए : 2009 का लोकसभा चुनाव भी एक तरह से सर्वे एजेंसियों का फेल्योर रहा। इस चुनाव में एजेंसियों ने UPA को 199 और NDA को 197 सीटें मिलने का कयास लगाया था। जबकि यूपीए जबरदस्त बढ़त लेते हुए 262 संसदीय सीटों पर लोगों का विश्वास जीतने में कामयाब रही। एनडीए को 159 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।
Input : Live India
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ऐसे होते हैं IAS कीचड़ में घुसकर असम के बाढ़ प्रभावित लोगों तक पहुंच रही महिला अधिकारी, तस्वीरें वायरल

कुत्ते को सैर कराने के लिए पूरा स्टेडियम खाली कराने वाले आईएस अधिकारी की आलोचनाओं के बीच एक ऐसी महिला आईएएस अधिकारी की तस्वीरें सामने आई हैं जो बाढ़ से प्रभावित लोगों तक पहुंचने के लिए कीचड़ में घुसने से बिल्कुल नहीं हिचकिचाती हैं। असम के कछार जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी कीर्ति जल्ली (Keerthi Jalli) की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही हैं। लोग इस महिला उपायुक्त की बाढ़ प्रभावित लोगों तक पहुंचने के लिए जमकर प्रशंसा कर रहे हैं।
असम का कछार जिला हाल ही में आई बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक है और जिले भर के 259 राहत शिविरों में अब भी 54,000 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। डीसी कीर्ति जल्ली ने बुधवार को बोरखोला विकास खंड और अन्य हिस्सों के तहत विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। उन्हें साड़ी पहने कीचड़ भरे इलाकों में घूमते हुए देखा जा सकता है। तस्वीरें और वीडियो शुरू में जिला प्रशासन के फेसबुक पेज पर साझा किए गए थे। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि IAS अधिकारी कीर्ति जल्ली लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुन रही हैं। वे कीचड़ में चल रही हैं। लोग कीर्ति जल्ली की तस्वीरें शेयर कर उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ‘ऐसे होते हैं IAS अधिकारी।’
इस दौरान जल्ली ने कहा कि वे असली समस्याओं का आकलन करने के लिए निचले इलाकों का दौरा करना चाहती हैं जो जिला प्रशासन और सरकार को भविष्य के लिए बेहतर कार्य योजना बनाने में मदद कर सकता है। उन्होंने बताया, “स्थानीय लोगों ने कहा कि वे पिछले 50 वर्षों से एक ही समस्या का सामना कर रहे हैं और हमने सोचा कि हमें वहां जाने और वास्तविक मुद्दों को देखने की जरूरत है। और उसके लिए सबसे अच्छा समय बाढ़ के दौरान होता है।”
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पहला मौका है जब जिले के उपायुक्त उनके गांवों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने बराक नदी के उफान से होने वाली बाढ़ के कारण हर साल होने वाली पीड़ाओं के बारे में विस्तार से बताया। उपायुक्त ने कहा कि वे गांवों की सुरक्षा पर जोर देने जा रही हैं ताकि भविष्य में नुकसान को कम किया जा सके। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, कछार के अनुसार, इस वर्ष 291 गांवों में 163,000 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। कछार में 11,200 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 5,915 हेक्टेयर फसल क्षेत्र जलमग्न हो गया है।
Source: Live Hindustan
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हमें नींद नहीं आ रही और डरावने सपने से परेशान हूं… चिट्ठी लिखकर चोरों ने वापस की बेशकीमती मूर्तियां

चित्रकूट. उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. बहुचर्चित बाला जी मंदिर से लाखों की मूर्ति चोरी मामले में नया मोड़ आया है. चोरी हुई मूर्तियां एक चिट्ठी के साथ मानिकपुर कस्बे में महावीर नगर वार्ड स्थित महंत के घर के बाहर मिली हैं. इसके बाद महंत ने मूर्तियां पुलिस को सौंप दी हैं. फिलहाल अष्ट धातु की कीमती मूर्तियां अब भी पहुंच से दूर हैं. पीड़ित महंत रामबालक दास ने बताया, “अगर जल्द इस घटना का खुलासा नहीं हुआ तो वह बड़ा आंदोलन करेंगे”.
बता दें कि शहर कोतवाली क्षेत्र के तरौहां में बने सैकड़ों साल पुराने बालाजी मंदिर से बीते 9 मई को अष्ट धातु, पीतल और तांबे की 16 मूर्तियां चोरी हुई थीं. मंदिर के महंत राम बालक दास ने बताया कि मंदिर का ताला तोड़कर चोरों ने अष्टधातु से बनी 5 किलो की श्रीराम की मूर्ति, पीतल की राधाकृष्ण की मूर्ति, बालाजी की मूर्ति और लड्डू गोपाल की मूर्ति समेत नकदी और चांदी का सामान चोरी कर लिया. पुजारी की पत्नी सुबह मंदिर में सफाई करने के लिए पहुंची तो मंदिर का ताला टूटा और मंदिर में रखी मूर्तियां गायब देखीं.
इस घटना से मंदिर परिसर में हड़कंप मच गया. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी थी. पीड़ित महंत ने कर्वी कोतवाली में तहरीर देकर चोरों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी. मंदिर प्रशासन के लोगों कहना था कि मंदिर परिसर के आस-पास अराजक लोगों ने शराब और जुए के अड्डे बना रखे हैं. उन्होंने ही मंदिर में चोरी की घटना का अंजाम दिया है.
अष्ट धातु की दो मूर्तियां नहीं मिली
शनिवार को मानिकपुर स्थित उनके ही घर के बाहर मूर्ति मिलने के बाद महंत राम बालक दास ने बताया कि सुबह जब वो गोवंशों को चारा-पानी देने निकले तो उन्हें एक चिट्ठी पड़ी मिली. उसमें मूर्तियों के जिक्र के साथ लिखा था कि मूर्ति चोरी करने के बाद उन्हें नींद नहीं आ रही और डरावने सपने आ रहे हैं. इसलिए मूर्तियां वापस कर रहे हैं और मूर्तियों को आप दोबारा मंदिर में स्थापित करवा दें. चिट्ठी पढ़ने के बाद महंत ने मूर्तियों की खोज की तो मूर्तियां घर के बाहर टोकरी के नीचे रखी बोरी के अंदर मिलीं. उन्हें पीतल व तांबे की 12 मूर्तियां बरामद हुईं लेकिन अष्ट धातु की दो मूर्तियां नहीं मिली. इसकी सूचना उन्होंने कोतवाली पुलिस को दी और पुलिस मुख्यालय पहुंचकर मूर्तियां पुलिस को सौंप दी है.
Source : News18
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महिलाओं के विकास के लिए है आत्म विश्वास जरूरी

चाहे किसी प्रकार की परीक्षा हो या खेल जगत, है मैदान में महिलाएं अवल दर्जे पर नजर आ रही है। वो अपने हौसले के साथ हर बाधाओं को पर कर हर एक छेत्र में अपना नाम रोशन कर रही। कई क्षेत्र में तो नारी पुरुषों से दो कदम आगे है। घुंघट व लोक-लज्जा की बेड़िया अब टूट चुकी हैं। बावजूद महिलाओं को और सशक्त होने की जरूरत हैं। कई दफा ये देखा गया है कि महिलाओं के आवाज को दबा दिया जाता है, या उन्हें समाज का खौफ देकर आगे बढ़ने नही दिया जाता, मगर कब तक?
एक बहुत ही प्रसिद्ध कहावत है “कहने वाले कहते रहेंगे, अगर तुम उनकी बात सुनोगे तो कभी आगे नहीं बढ़ पाओगे, और अगर कुछ पाना है तो सपने देखो, कदम बढ़ाओ, बिना किसी से डरे”। बस यही एक चीज है जो महिलाओं को आगे बढ़ने में मदद कर सकती है “आत्म विश्वास”।
लेकिन, आत्म विश्वास के अलावा भी बहुत सी चीजें है जो जरूरी है। आज भी महिलाओं के लिए बेहतर शिक्षा व सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत हैं। जिले में बढ़ते अपराध से छात्र-छात्राएं व अभिभावक भयभीत रहते हैं। आज भी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं पुरुष के दबाव में रहती हैं। ससुराल में महिलाओं को विभिन्न कारणों से पड़ताड़ित किया जाता हैं। जिससे वह या तो आत्महत्या कर लेती है या उसकी हत्या कर दी जाती हैं। इससे निपटने के लिए कई कानून बनाए गए हैं। लेकिन, महिलाओं के पास न तो रुपए है न ही जमीन। और मुकदमा लड़ने के लिए रुपए की आवश्यकता होती हैं। ऐसे में महिलाओं के लिए बनाए गए कानून को शतप्रतिशत धरातल पर उतारने की बहुत जरूरत है।
आज ही नारी आत्म निर्भर बन रही है मगर उन्हें भी कई सारी कठिनाइयों का सामना करना परता है। जैसे कही भी आते जाते कोई उन्हें छेड़ देता है, उनका मनोवल गिरा देता है, उनकी बेइज्जती करता है, मगर ये गर्व की बात है कि हमारे देश की कई महिलाओं ने आत्म निर्भर बनने का सपना सच किया है, और दूसरो के लिए एक प्रेरणा बनी है। और अगर नारियों ने मन से समाज का डर निकल जाए और उन्हें भी बराबर सम्मान मिले तो वो समय दूर नहीं जब भारत की सभी महिलाएं मर्दों के साथ कंधा मिला कर चलेगी।
कई सालों से महिला सशक्तिकरण का प्रयास चल रहा है, और काफी कुछ बदलाव भी आया है। लेकिन अभी भी काफी कुछ होना बाकी है। रह गई होगी कोई कमी या होगा कुछ नया प्रयास?
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