BIHAR
बिहार का सबसे फेमस ड्रिंक, चिलचिलाती गर्मी के लिए है रामबाण, जानिए क्या है ये

बिहार में गरीब हों या अमीर सभी आजकल सत्तू का सेवन जरूर करते हैं। सत्तू बिहार से निकलकर अब कई राज्यों में अपनी पहचान बना चुका है। इससे बनी लिट्टी हो या गर्मी में सत्तू का शर्बत हो, लोग आज इसे जरूर इस्तेमाल करते हैं।
कभी बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों खासकर खेतिहर मजदूरों के लिए यह गर्मी का मुख्य भोजन हुआ करता था। सत्तू में नमक प्याज डालकर उसे पानी से गूंथकर उसे खाया जाता था। इसे लेकर एक कहावत प्रचलित था खैयबा सत्तू, कहवा बताशा।
क्या आप इस सत्तू खाने के फायदे जानते हैं। यह एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो प्राचीन समय से ही हमारे आहार का प्रमुख हिस्सा रहा है। विशेष रूप से इसे गर्मियों के मौसम में खाया जाता है। कभी मुख्य भोजन के रूप में खाया जाने वाला सत्तू अब गर्मी के दिनों में गरीबों- अमीरों सबके लिए शीतल पेय के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा है।
बिहार में मगध के लोग आज भी दोपहर में सत्तू खाना पसंद करते हैं। इसमें कैल्शियम व प्रोटीन की प्रचुरता होने के साथ यह सुपाच्य भी होता है। इसके साथ ही शरीर को शीतलता भी प्रदान करता है। यही कारण है कि गर्मी के दिनों में लोग इसका सेवन करना पसंद करते हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों व कस्बों में तो इसे गरीबों का भोजन की संज्ञा ही दी गई है।
लाजवाब है सत्तू का स्वाद
-सत्तू एक प्रकार का सूखा चूर्ण पदार्थ है। इसे बालू में भूने हुए चना, जौ व मकई से तैयार किया जाता है। खान पान की ²ष्टि से इसे कई प्रकार से तैयार किया जाता है। आप चाहे तो इसे नमक या शक्कर के साथ घोल बनाकर पीएं, चाहे तो इसे पानी, नमक व प्याज व हरी मिर्च के साथ आटे की तरह गूंथ कर खाएं या फिर इसे आटे में भरकर लिट्टी बनाएं और गरम-गरम बैगन, टमाटर की चटनी के साथ खाएं।
अपने हर रूप में सत्तू का स्वाद बेहतरीन और लाजबाव है। काफी पूर्व खान पान में जौ का प्रचलन अधिक था। गेहूं का उपयोग बढऩे के बाद जौ का उपयोग सत्तू के रूप में अधिक किया जाने लगा। फिर घीरे धीरे चना व मकई के सत्तू का उपयोग आरंभ हुआ। लेकिन अब विशुद्ध रूप से सिर्फ चना का सत्तू खाने का प्रचलन अधिक हो गया है।
कई तरह से उपयोगी है सत्तू
– बाजारों में बिकने वाले कृत्रिम पेय पदार्थो की तुलना में सत्तू स्वास्थ्य के साथ-साथ पॉकेट के लिहाज से भी फायदेमंद है। यह हर वर्ग के लोगों के बजट में फिट बैठने वाला पेय पदार्थ है।
बनाने का तरीका है आसान
– सत्तू बनाने का तरीका भी बेहद आसान है। इसके लिए चना, जौ, गेहूं व मकई को कुछ घंटे पानी में ङ्क्षभगोने के बाद उसे बालू में हल्का भूना जाता है। फिर उसका छिलका हटवाकर चक्की में पिसवा दिया जाता हैं।
दोनों तरह से होता है उपयोग
– सत्तू को ठोस व तरल दोनों तरह से उपयोग किया जाता है। यही नहीं इससे कई प्रकार के व्यंजन भी तैयार किए जाते हैं। जैसे सत्तू की कचौड़ी, सत्तू का पराठा, सत्तू का लड्डू, सत्तू का नमकीन या मीठा शर्बत आदि। वैसे गर्मी के दिनों में लोग चने के सत्तू को पानी, काला नमक, भूना जीरा पाउडर और नींबू के साथ घोलकर भी पीना पसंद करते हैं।
बीमारियों से राहत दिलाने में है कारगर
– सत्तू का सेवन विशेष रूप से गर्मी के दिनों में पेट संबंधी कई समस्याओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। गर्मी के दिनों में सत्तू का सेवन करना गर्मी के दुष्प्रभाव एवे लू की चपेट में आने से बचाता है। इसके साथ ही षरीर को ठंडक प्रदान करता है। सत्तू आसानी से पचने वाला भोजन है। यह शरीर में उर्जा की कमी होने पर तुरंत उसकी पूर्ति करता है।
-सत्तू के खाने या पीने से लम्बे समय तक भूख नहीं लगती। इस प्रकार यह वजन कम करने में भी सहायक होता है। मधुमेह या मोटापे से निजात दिलाने में सत्तू काफी फायदेमंद है। एनीमिया के मरीजों को भी रोजाना सत्तू के शर्बत सेवन से लाभ होता है।
-चने के सत्तू में मिनरल्स, आयरन, मैग्नेशियम और फास्फोरस पाया जाता है जो आपकी थकान को मिटाकर आपको एनर्जी देने का काम करता है। सत्तू प्रोटीन का बढिया श्रोत है। यह कब्ज, एसीडिटी, गैस, अपच सहित पेट की तमाम समस्याओं को ठीक करने में सहायक है। ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए सत्तू का सेवन काफी लाभदायक है। यह लीवर को मजबूत बनाता है। इस प्रकार सत्तू का सेवन कई मायनों में काफी लाभदायक माना गया है।
Input : Dainik Jaran
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सरकार ने दिया आश्वाशन, कहा- बढ़ी बिजली दर का गांव और गरीबों पर नहीं होगा असर

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद ने बिजली की नई तथा बढ़ी दर को लेकर शुक्रवार को बिहार विधानसभा में सदस्यों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार गांवों-गरीबों को कोई कठिनाई नहीं होने देगी। मंत्री ने कहा कि बढ़ी बिजली दर का असर गांव व गरीबों पर नहीं होगा। कहा कि बिहार में चार सालों से बिजली की दर में बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसकी कीमत राज्य सरकार तय नहीं करती है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में ही इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन एक्ट बना था। उसके तहत बिजली की दरें तय होती हैं। इसी के अंतर्गत बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली दर पर अपना फैसला दिया है।
मालूम हो कि गुरुवार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने 24.10 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसको लेकर सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्यों ने बिजली दर में हुई बढ़ोतरी के विरोध में वेल में आकर नारेबाजी तथा प्रदर्शन किया। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने विपक्ष के सदस्यों से कहा कि आप सभी अपनी सीट पर जाएं। मैं आपको बात रखने का मौका देता हूं। इसके बाद विपक्षी सदस्य अपनी सीट पर लौट आए।
BIHAR
मोदी सरनेम मामले में अभी फंसे रहेंगे राहुल गांधी! अगले माह पटना सीजेएम कोर्ट में भी होगी सुनवाई

सूरत के जिला कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम वाले आपराधिक मानहानि मामले में 2 साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि बाद में राहुल गांधी को कोर्ट से जमानत भी मिल गई। लेकिन राहुल गांधी पर कई और मामले दर्ज हैं, जिन पर अभी फैसला आना बाकी है।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने इसी कड़ी में बताया कि उन्होंने मोदी सरनेम वाले सभी लोगों को चोर बताने वाले राहुल गांधी के अमर्यादित बयान के विरुद्ध पटना के सीजेएम कोर्ट में मामला दर्ज करा रखा है। अगर इसमें भी सूरत की अदालत की तरह सजा सुनाई गई तो राहुल गांधी की मुश्किलें और बढ़ जाएगी। उनकी संसद सदस्यता जा सकती है।
मालूम हो कि सूरत में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत राहुल गांधी पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। उनके ऊपर एक समुदाय की भावना को आहत करने का आरोप लगा था। जिस मामले में उन्हें कोर्ट ने 2 साल कैद की सजा सुनाई। वहीं सुशील मोदी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मोदी सरनेम वाले लाखों लोगों ने राहुल गांधी के इस अमर्यादित टिप्पणी से अपमानित महसूस किया। उन्होंने कहा कि मेरे मामले में वो जमानत ले चुके हैं लेकिन अगले महीने गवाही देने के लिए उन्हें पटना सीजेएम कोर्ट में मौजूद रहना पड़ सकता हैं।
MUZAFFARPUR
मुजफ्फरपुर : स्वास्थ्य अधिकारी शराब के नशे में गिरफ्तार

जिला स्वास्थ्य समिति में कार्यरत स्वास्थ्य विभाग के जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी राजेश झा को शराब के नशे में सदर अस्पताल स्थित उसके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया। उत्पाद विभाग की टीम ने गुरुवार शाम पांच बजे कार्रवाई की। ब्रेथ एनालाइजर से जांच में शराब पीने की पुष्टि हुई। वह मूलरूप से कटिहार का रहने वाला है।
उत्पाद निरीक्षक अभिनव कुमार ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सूचना मिली थी कि राजेश झा अपने कार्यालय में शराब के नशे में है। इसके बाद जांच टीम ने राजेश को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। उधर, गिरफ्तारी के बाद सदर अस्पताल में हड़कंप मच गया। उत्पाद विभाग को जानकारी मिली थी कि आरोपित हमेशा शराब का सेवन कर ड्यूटी करता है।पिछले साल जुलाई में ही उसकी यहां तैनाती हुई थी। वहीं, सीएस डॉ. यूसी शर्मा ने बताया कि इस मामले में क्या विभागीय कार्रवाई हो सकती है इसकी जानकारी ली जा रही है।
Source : Hindustan
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