नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर की तर्ज और स्वरूप पर बंदरा प्रखंड की मतलुपुर स्थित बाबा खगेश्वरनाथ महादेव मंदिर का जीर्णोद्धार होगा। मंदिर के साथ ही पूरे परिसर का भी स्वरूप बदल जाएगा। यहां पूजा के साथ श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए भी विशेष व्यवस्था की जाएगी। सोमवार को अभियंताओं की टीम ने मंदिर व परिसर के विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया।
मंदिर परिसर स्थित धर्मशाला सभागार में भारत-नेपाल भ्रातृ मंच, नेपाल व मंदिर न्यास समिति की एक संयुक्त बैठक हुई। अध्यक्षता मन्दिर न्यास समिति के अध्यक्ष व पूर्व कुलपति डॉ गोपालजी त्रिवेदी व संचालन सचिव बैद्यनाथ पाठक ने किया। इसमें मंदिर के स्वरूप, डिजाइन, निर्माण कार्य इत्यादि चीजों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। सर्वसम्मति से मंदिर निर्माण को जल्द शुरू करने पर सहमति जतायी गई।
इंजीनियर भगवान झा ने बताया कि पशुपतिनाथ मंदिर के स्वरूप में खगेश्वरनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा। साल 2024 में तैयार कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसके डीपीआर का काम भी अंतिम चरण में है। शोभा कांत झा ने कहा कि इस मंदिर का नया स्वरूप ऐतिहासिक होगा। इससे भारत-नेपाल मैत्री संबंध और प्रगाढ़ होगा।
पूर्व कुलपति डॉ गोपालजी त्रिवेदी ने बताया कि मंदिर के डिजाइन व जीर्णोद्धार की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो प्रारूप आया है, उस पर मंथन चल रहा है। पशुपतिनाथ मंदिर की तरह ही बाबा खगेश्वरनाथ मंदिर के स्वरूप पर सर्व सहमति बनी है। बैठक में मुरली मनोहर मिश्र, बंदना पांडेय, शोभा कांत ठाकुर, वीरेंद्र कुमार पांडे, डॉ नवल किशोर सिंह, दीपक कुमार, अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह, रामसकल कुमार, श्यामनन्दन प्रसाद ठाकुर आदि थे।
चार वर्ष पहले रखी गई थी आधारशिला
खगेश्वरनाथ मंदिर के पुर्ननिर्माण कार्य का 22 अप्रैल 2018 को शिलान्यास हुआ था। पुराने मंदिर की जगह पशुपतिनाथ मंदिर की तर्ज पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए डीपीआर भी बना था। तत्कालीन नगर विकास व आवास मंत्री सुरेश शर्मा, महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव डॉ. किशोर कुणाल आदि ने आधारशिला रखी थी। लेकिन निर्माण शुरू नहीं हो सका था। सचिव बैद्यनाथ पाठक ने बताया कि पुराने डिजाइन में परिवर्तन व कोरोना के कारण निर्माण रूक गया था। जो डीपीआर तैयार हुआ है उसके अनुसार डेढ़ करोड़ से अधिक खर्च होंगे।
Source : Hindustan