पाकिस्तान के बुरे दिन चल रहे हैं। पाकिस्तान की इमरान सरकार न तो महंगाई रोक पा रही है और न ही पाकिस्तानी रुपए का अवमूल्यन। पाई-पाई को मोहताज हो रहे पाकिस्तान में अब हालात यह हैं कि दूध 190 रुपए लीटर बिक रहा है। सेब 400 रुपए किलो, संतरे 360 रुपए और केले 150 रुपए दर्जन बिक रहे हैं। मटन की कीमत 1100 रुपए किलो हो गई है।
रमजान में मांग ज्यादा बढ़ी इसलिए महंगाई में और इजाफा हुआ
रमजान के महीने में खाने-पीने की इन चीजों की ज्यादा मांग है, इसलिए लोग परेशान हैं। मार्च के मुकाबले मई में प्याज 40%, टमाटर 19 % और मूंग की दाल 13% ज्यादा कीमत पर बिक रही हैं। गुड़, शक्कर, फल्लियां, मछली, मसाले, घी, चावल, आटा, तेल, चाय, गेंहू की कीमतें 10 % तक बढ़ गई हैं। लोग सोशल मीडिया पर खुलकर सरकार की नीतियों को विरोध कर रहे हैं। बाजार पर रिसर्च करने वाली स्थानीय संस्थाओं के मुताबिक ऑटो, सीमेंट और फार्मास्यूटिकल्स जैसे उद्योगों के कच्चे माल के आयात की कीमतें बढ़ेंगी। इससे उपभोक्ता पर भार बढ़ेगा। एक रिसर्च सेंटर का कहना है कि अब इस स्थिति पर रोक लगनी चाहिए।
व्यापारियों का बाजार से भरोसा खत्म
व्यापारियों का बाजार पर से विश्वास उठ रहा है। मुद्रा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तानी रुपए के गिरने का संबंध आईएमएफ के 6 अरब डॉलर के पैकेज पर सहमति बनाने की कोशिशों से है। जो भी समझौता हो, इसे सामने लाना चाहिए। पूरे साल की गिरावट एक बार में ही कर देना चाहिए। जब से बातचीत शुरू हुई है, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए में गिरावट आ रही है। पाकिस्तान में पिछले 17 साल में शेयर बाजार का सबसे खराब इतिहास रहा है। कारोबारियों ने सरकार से मार्केट सपोर्ट फंड बनाने की मांग की है। केंद्रीय बैंक सोमवार को मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा।
पाकिस्तानी रुपए में मई में 29% गिरावट, एशिया में सबसे कमजोर
पाकिस्तानी रुपया मई में 29 % कमजोर हुआ है। यह एशिया की 13 अहम मुद्राओं में सबसे कमजोर मुद्रा बन गई है। एक डॉलर का मूल्य करीब 150 पाकिस्तानी रुपए हो गया है। जबकि 70 भारतीय रुपए एक डॉलर के बराबर हैं। डॉलर के मुकाबले नेपाली रु 112, बांग्लादेश टका 84 और अफगानी (अफगानिस्तानी मुद्रा) 79 होते हैं।
Input : Dainik Bhaskar