भारतीय रेलवे से तत्काल टिकट बुक कर पाना आम यात्रियों के लिए अब तक किसी चुनौती से कम नहीं था। टिकट बुकिंग के दौरान वेबसाइट की धीमी स्पीड, सिस्टम हैंग होने की समस्या और बॉट्स के जरिए फर्जी आईडी से की जा रही बुकिंग ने असली यात्रियों के लिए टिकट पाना बेहद कठिन बना दिया है। हर दिन लाखों लोग IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट (irctc.co.in) पर कोशिश करते हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में टिकट वेटिंग में ही रह जाते हैं।
अब इस परेशानी का समाधान करने के लिए रेलवे मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार ऑथेंटिकेशन प्रणाली लागू की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य फर्जी आईडी और दलालों की भूमिका को समाप्त कर असली और जरूरतमंद यात्रियों को प्राथमिकता देना है।
रेल मंत्री ने कहा, “भारतीय रेलवे जल्द ही एक नया सिस्टम लाने जा रहा है, जिसमें ई-आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। इससे सिर्फ वास्तविक यात्रियों को ही तत्काल टिकट बुक करने का अवसर मिलेगा।”
Bharatiya Railways will soon start using e-Aadhaar authentication to book Tatkal tickets.
This will help genuine users get confirmed tickets during need.
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 4, 2025
कैसे काम करेगा ई-आधार ऑथेंटिकेशन सिस्टम?
इस प्रक्रिया के तहत यात्री को अपने आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर एक OTP प्राप्त होगा। इस OTP को IRCTC वेबसाइट या ऐप पर डालकर वेरिफिकेशन पूरा करना होगा। एक बार वेरिफिकेशन हो जाने के बाद यात्री को तत्काल टिकट बुकिंग की प्राथमिकता दी जाएगी।
IRCTC ने स्पष्ट किया है कि जिन यूजर्स ने अभी तक अपने IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक नहीं किया है, वे रजिस्ट्रेशन के तीन दिन बाद ही तत्काल, प्रीमियम तत्काल और एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (ARP) टिकट बुक कर पाएंगे। वहीं आधार वेरिफाइड यूजर्स के लिए ऐसी कोई पाबंदी नहीं होगी।
IRCTC के अनुसार, टिकट बुकिंग के पहले 5 मिनट में लगभग 50% लॉगिन प्रयास बॉट्स के जरिए किए जाते हैं। इसी वजह से आम यात्रियों को टिकट बुक करने में दिक्कत होती है। इस समस्या से निपटने के लिए रेलवे ने अब एंटी-बॉट सिस्टम लागू कर दिया है।
रेलवे ने एक प्रमुख कॉन्टेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) सेवा से साझेदारी की है, जिससे वेबसाइट की स्पीड और परफॉर्मेंस बेहतर हो सके। साथ ही सर्वर को भी पहले से ज्यादा मजबूत और सक्षम बनाया गया है।
अब तक 2.5 करोड़ फर्जी ID पर कार्रवाई
रेलवे ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से 2.5 करोड़ से अधिक फर्जी या संदिग्ध IRCTC यूजर आईडी को चिन्हित कर निष्क्रिय किया गया है। यह कदम भी टिकट बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के तहत उठाया गया है।
नई व्यवस्था कब से होगी लागू?
रेलवे मंत्रालय ने यह साफ किया है कि ई-आधार आधारित टिकट बुकिंग प्रणाली बहुत जल्द लागू की जाएगी। हालांकि इसकी सटीक तारीख अभी घोषित नहीं की गई है।
यात्रियों को क्या करना चाहिए?
• IRCTC अकाउंट को अपने आधार से लिंक करें।
• सुनिश्चित करें कि मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा हुआ हो।
• नए यूजर्स तुरंत रजिस्ट्रेशन कराएं ताकि 3 दिन की प्रतीक्षा से बच सकें।
यह नई व्यवस्था जहां आम यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगी, वहीं दलालों और फर्जी बुकिंग करने वालों पर कड़ा नियंत्रण सुनिश्चित करेगी। रेलवे का यह कदम यात्रियों की सुविधा बढ़ाने और सिस्टम को अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।