बांग्लादेश को रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस की निंदा न करने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है. रूस के विरोध में संयुक्त राष्ट्र में वोट न करने के कारण बांग्लादेश को भेजी जाने वाली COVID-19 वैक्सीन की बड़ी खेप रोक दी गई है. विश्व की आठवीं सबसे बड़ी आबादी वाला देश बांग्लादेश भी अन्य देशों की तरह ही कोविड की मार झेल चुका है. ऐसे में लिथुआनिया ने बांग्लादेश को भेजी जाने वाली कोविड वैक्सीन की डिलीवरी कैंसिल कर दी है.
लिथुआनिया नेशनल रेडियो एंड टेलिविजन (LRT) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लिथुआनिया एक हफ्ते पहले बांग्लादेश को COVID-19 वैक्सीन की चार लाख 40 हजार वैक्सीन की डोज भेजने वाला था. लेकिन जब बांग्लादेश ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग से खुद को दूर रखा तो लिथुआनिया ने अपना एक हफ्ता पुराना फैसला बदल दिया और बांग्लादेश को वैक्सीन देने से इनकार कर दिया.
लिथुआनिया के प्रधानमंत्री इंग्रिडा सिमोनीटी के प्रवक्ता ने LRT से इसकी पुष्टि की. लिथुआनिया ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ वोट किया था.
बीते बुधवार हुई थी संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग
बीते बुधवार को 193 सदस्यों वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा करने वाले एक प्रस्ताव पर वोटिंग हुई थी. प्रस्ताव में कहा गया था कि रूस तुरंत यूक्रेन पर अपनी सैन्य कार्रवाई को रोके.
इस वोटिंग में 141 मत प्रस्ताव के समर्थन में पड़े और पांच देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट किया. प्रस्ताव का विरोध करने वाले देशों में रूस के अलावा बेलारूस, उत्तरी कोरिया, सीरिया और इरिट्रिया शामिल थे. बाकी 35 देश मतदान से दूर रहे.
बांग्लादेश ने भी रूस के खिलाफ वोटिंग से परहेज किया. वहीं, लिथुआनिया ने रूस के खिलाफ वोट किया. बांग्लादेश ने वोटिंग से परहेज किया लेकिन उसकी तरफ से ये जरूर कहा गया कि वो यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखडंता के लिए अपना समर्थन देता है.
वोटिंग से दूर रहने को लेकर बांग्लादेश ने दिया ये कारण
द डेली स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, महासभा में चर्चा के दौरान बांग्लादेश के एक प्रतिनिधि ने कहा कि बांग्लादेश हमेशा शांति का समर्थन करता है और यूक्रेन के संकट को राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल करने की उम्मीद करता है.
वोटिंग से दूर रहने के अपने फैसले पर बात करते हुए बांग्लादेश ने कहा कि प्रस्ताव में हमले को लेकर केवल दोषारोपण किया गया है और यूक्रेन में संघर्ष को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है.
Source : Aaj Tak