मुजफ्फरपुर के पारू प्रखंड में कभी कार्यरत रहे पूर्व बीडीओ रत्नेश कुमार ने वैशाली संसदीय सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. सीतामढ़ी के रहने वाले 36 वर्षीय रत्नेश कुमार ने महज 5 साल तक बीडीओ की नौकरी करने के बाद राजनीति में आने का फैसला किया था. साल 2014 में बीडीओ के पद पर बहाल हुए रत्नेश कुमार मुजफ्फरपुर के मोतीपुर और पारू प्रखंड में बीडीओ के पद पर तैनात रहे हैं. रत्नेश ने नौकरी से त्यागपत्र देकर चुनाव लड़ने का मन बनाया है. उन्होंने युवाओं से नौकरी की लालसा को छोड़कर राजनीति में आने की अपील भी की है.

बता दें कि ये वही रत्नेश कुमार हैं जिन्हें शराब माफियाओं के साथ सांठ-गांठ और कमरे में शराब रखने के आरोप में निलंबित किया गया था. अभी इनके ऊपर विभागीय कार्रवाई चल रही है. रत्नेश कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार के शासन में दलाली चरम पर है. नेता जी दलालों के साथ खड़े हैं. साथ ही अधिकारियों को गलत काम करने के लिए इस शासन में मजबूर किया जा रहा है. अधिकारियों से वसूले गए पैसे से नेता चुनाव लड़ते हैं.

पूर्व बीडीओ ने कहा कि मौजूदा शासन में डीएम भी सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा कि शराब माफिया आपके नेता हैं और इन्‍हीं लोगों ने मिलकर आपकी शराबबंदी को फेल कर दिया. पूर्व बीडीओ रत्नेश कुमार ने कहा कि जब हमने समाज के गरीब लोगों को नहीं लूटा तो राजनेताओं ने शराब के झूठे मामले में मुझे ही फंसा दिया.

Input : News18

 

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