बेरोजगार युवाओं को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए सरकार द्वारा चलाया जा रहा कार्यक्रम अब लोगों की जिंदगी में मिठास घोलने के साथ खुशहाली लाने का भी काम कर रहा है। कम लागत में अधिक आमदनी बेरोजगारों का मुख्य ध्येय बनने लगा है।

शायद यही कारण रहा कि कल तक सरकारी एवं प्राइवेट कंपनियों में नौकरी पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे पढ़े-लिखे लोग भी अब छोटे-छोटे कार्यों के माध्यम से अपनी बेरोजगारी दूरी कर खुशहाल जीवन जीने लगे हैं। पिछले तीन माह से खेतों में खिले सरसों के बाद सूर्यमुखी फूल के चलते व्यापक पैमाने पर मधु का उत्पादन हो रहा है। बहरहाल मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन, गाय पालन समेत अन्य स्वरोजगारपरक कार्य बेरोजगारी दूर करने में वरदान साबित होने लगे हैं।

मधु हब के रूप में दिख रहा आम का बगीचा

प्रखंड के आम के बगीचे में कई जगहों पर इन दिनों मधुमक्खी पालन एवं मधु संग्रह हब में रूप में दिख रहा है। जिसमें सरसों एवं सूर्यमुखी की फसल सहायक साबित हो रही है। प्रखंड के अभुआर गांव स्थित आदर्श मध्य विद्यालय के आगे किसनपुर-गणपतगंज रोड के बगल में इन दिनों मधुमक्खी पालन हो रहा है। जो इस रास्ते से गुजरने वाले यात्रियों के लिए भी नजीर पेश कर रहा है।

मधुमक्खी पालक रणवीर कुमार कहते हैं कि पिछले एक माह से क्षेत्र में सरसों के बाद सूर्यमुखी के खिले फूल मधु संग्रह में काफी सहायक हुए है। वैसे तो अब सरसों के फसल का समय बीत चुका है। फिर भी अन्य फसलों में लगे फूल से अब भी कुछ मधु का उत्पादन हो रहा है। मधुमक्खी पालन को ले सर्टिफिकेट, कोर्स एवं डिग्री की तो व्यवस्था है जो बड़े प्लांटों में काम आता है।

कम लागत में मिलती है अधिक आमदनी

कृषि से जुड़े युवा, जो कम लागत का व्यवसाय करने की इच्छा रखते हैं। उनके लिए मधुमक्खी पालन फायदेमंद साबित हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों से न केवल लोगों का रुझान इसकी तरफ बढ़ा है। बल्कि खादी ग्रामोद्योग भी अपनी तरफ से कई सुविधाएं मुहैया करा रहा है। यह एक ऐसा व्यवसाय है। जो ग्रामीण क्षेत्रों के विकास का पर्याय बनता जा रहा है। चार प्रकार का मधुमक्खी पालन किया जाता है। जिसमें एपिस मेलीफेरा, एपिस इंडिका, एपिस डोरसाला एवं एपिस फ्लोरिया शामिल है। इसके उत्पादन से कम लागत में अधिक आय होती है।

शांत स्वभाव की होती हैं एपिस मेलीफेरा मधुमक्खी

एपिस मेलीफेरा मधुमक्खी अधिक शहद उत्पादन करने एवं शांत स्वभाव की होती हैं। इन्हें डिब्बों में आसानी से पाला जा सकता है। इस प्रजाति की रानी मक्खी में अंडे देने की क्षमता भी अधिक होती है। मधुमक्खी पालन के लिए लकड़ी का बॉक्स, बॉक्स फ्रेम, मुंह पर ढंकने के लिए जालीदार कवर, दास्तानें, चाकू, शहद, रिमूविंग मशीन, शहद इकट्ठा करने के ड्रम का इंतजाम जरूरी है। जहां मधुमक्खियां पाली जाएं, उसके आसपास की जमीन साफ-सुथरी होनी चाहिए। बड़ी चींटी, मोमभझी कीड़े, छिपकली, चूहे, गिरगिट मधुमक्खियों के दुश्मन हैं।

Input : Dainik Bhaskar

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