इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल कब किस के लिए इंडियन पैसा लीग बन जाए, कुछ पता नहीं। इस बार भी एक पान बेचने वाले शख्स की किस्मत चमकी है, क्योंकि उसके बेटे को करीब 6 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। आईपीएल ऑक्शन 2024 में नागपुर के रहने वाले शुभम दुबे को 5.80 करोड़ रुपये में राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा है। एक समय ऐसा भी था, जब शुभम दुबे के पास इतना पैसा भी नहीं था कि वे एक जोड़ी बैटिंग ग्लव्स खरीद सके। हालांकि, अब उसकी और उसके परिवार की किस्मत चमक उठी है, क्योंकि छोटी से उम्र में मोटा पैसा उनको मिलने वाला है।
नागपुर में कमल स्क्वॉयर पर एक पान का ठेला लगाने वाले बद्री प्रसाद के बेटे शुभम दुबे ने घरेलू क्रिकेट में दमदार खेल दिखाकर आईपीएल ऑक्शन में मोटी कमाई की। मंगलवार की शाम को जब शुभम को राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा तो उनके घर लोगों की भीड़ लग गई। शुभम दुबे और उनके परिवार निःशब्द था। दुबे ने टीओआई से कहा, “यह एक अवास्तविक एहसास है। मैंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (एसएमएटी) में अच्छा प्रदर्शन किया। इसलिए, मुझे नीलामी में चुने जाने की उम्मीद थी। हालांकि, सच कहूं तो, मुझे इतनी बड़ी रकम की उम्मीद नहीं थी।”
27 साल के शुभम दुबे ने 7 मैचों में 187 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट और 74 के करीब के औसत से कुल 222 रन बनाए थे। 7 पारियों में वे 10 चौके और 18 छक्के जड़ने में सफल हुए थे। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने टी20 में विदर्भ के लिए सबसे तेज अर्धशतक जड़ने का रिकॉर्ड भी संयुक्त रुप से अपने नाम किया। उन्होंने 18 गेंदों में बंगाल के खिलाफ कमाल का अर्धशतक जड़ा था। उन्होंने 20 गेंदों में 3 चौके और 6 छक्कों की मदद से 58 रनों की पारी खेली थी।
अपनी प्रसिद्धि की इस घड़ी में शुभम दुबे ना तो अपनी साधारण पृष्ठभूमि को भूले और ना ही उन लोगों को भूले, जिन्होंने वित्तीय बाधाओं से निपटने में उनकी मदद की। उन्होंने अपने स्वर्गीय मेंटॉर सुदीप जायसवाल को याद करते हुए बताया, “उस समय हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। सुदीप सर ने मेरी बहुत मदद की। उनके समर्थन के बिना, मैं अपने जीवन में कुछ भी हासिल नहीं कर पाता।” जायसवाल एक वकील थे और वे एडवोकेट इलेवन नाम से एक क्लब चलाते थे। वे उन खिलाड़ियों को सपोर्ट करते थे, जो फाइनेंशियली कमजोर हों, लेकिन टैलेंटेड हों। 53 साल की उम्र में उनका कोविड से 2021 में निधन हो गया था।
दुबे ने बताया, “मेरे लिए एक ग्लव्स भी खरीदना संभव नहीं था। उन्होंने मुझे एक नया बल्ला और किट दी। उन्होंने मुझे अंडर-19, अंडर-23 और ‘ए’ डिवीजन टीमों के लिए प्लेइंग इलेवन में शामिल किया। उनके बिना, मैं विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन (वीसीए) टीम में जगह नहीं बना पाता।” राजस्थान रॉयल्स की रडार पर वह कई साल थे, लेकिन मौजूदा प्रदर्शन की वजह से उनको खरीदा गया। वे कई बार राजस्थान रॉयल्स के कैंप में पहुंचे थे।
Source : Hindustan