गृहमंत्री पदक सम्मान के लिए चयनित सीबीआइ इंस्पेक्टर विभा कुमारी की जांच से ही बालिका गृह कांड में ब्रजेश ठाकुर सहित 19 दोषियों को दिल्ली के साकेत स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट ने सजा सुनाई थी। मात्र पांच माह में ही जांच पूरी कर इस कांड के आरोपितों के विरुद्ध मुजफ्फरपुर के विशेष पॉक्सो कोर्ट में उन्होंने चार्जशीट दाखिल की थी। आरोप पत्र में उनकी ओर से जुटाए गए साक्ष्य इतने मजबूत थे कि विशेष कोर्ट ने 19 आरोपितों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।

जांच की जिम्मेदारी से बस कुछ देर हुईं थीं असहज : विभा कुमारी ने बताया कि वे उस समय सीबीआइ कार्यालय पटना में कार्यरत थीं। विभाग की ओर से मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई। इतने बड़े चर्चित मामले की जांच अधिकारी बनाए जाने पर उन्हें कुछ देर के लिए असहजता महसूस हुई । लेकिन जिम्मेदारी का एहसास होते ही जल्द ही वे सहज हो गईं। चुनौती को स्वीकार करते हुए जघन्य अपराध करने वालों को कोर्ट से सजा दिलाने का उनपर जुनून सवार हो गया। सुप्रीम कोर्ट की मॉनेटरिंग के तहत व गाइड लाइन का पालन करते हुए इस जांच जल्द पूरी करनी थी। इसके लिए विभाग की ओर से उन्हें बेहतर टीम दी गई। सबने काफी मेहनत की। कहती हैं कि उस टीम के सहयोग से ही जांच इतनी जल्दी पूरी हो सकी। वरीय अधिकारियों के मार्गदर्शन ने उनकी राह आसान कर दी। जांच के हर कदम पर मीडिया की सतत निगाहें रहती थी। इन सबके बीच पूरी गोपनीयता बरतते हुए जांच को पूरी करना एक बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था।

15 वर्षाें के कार्यकाल में सबसे मिला सबसे चर्चित मामला : विभा कुमारी बताती है कि उन्होने वर्ष 2003 में सीबीआइ को ज्चाइन किया था । इस दौरान देश के कई राज्यों में काम करने का मौका मिला। कई बड़े मामले की जांच की जिम्मेदारी मिली। लेकिन बालिका गृह मामला सबसे अलग था। यह उनके अबतक के कॅरियर का सबसे चर्चित मामला था। इसकी जांच की चुनौती व विभाग का उन पर भरोसा एक अलग तरह के दायित्व का एहसास दिलाती थी। उसी दायित्व बोध ने उनके काम को आसान कर दिया। गृहमंत्री पदक सम्मान के लिए चयनित होने पर कहती हैं कि उनके लिए खुशी की बात है। वरीय अधिकारियों, सहयोगियों व शुभचिंतकों से बधाई संदेश मिल रहे हैं। इस सम्मान के लिए चयनित होना मेरे लिए बेहद खुशी का क्षण है। यह सम्मान हमारे पूरे विभाग के लिए है।

बालिका गृहकांड की जांच अधिकारी सीबीआइ इंस्पेक्टर विभा कुमारी

उत्कृष्ट प्रदर्शन को लेकर गृहमंत्री पदक के लिए चयनित, पांच माह में ही की थी चाजर्शीट दाखिल

मुजफ्फरपुर के चर्चित बालिका गृह कांड की जांच में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सीबीआइ की इंस्पेक्टर विभा कुमारी का चयन गृह मंत्री पदक के लिए किया गया है। विभा कुमारी ने जांच को नया मोड़ दिया और मामले के आरोपी तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की। जांच में उनके प्रदर्शन के आधार पर उनका चयन किया गया है। सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि विभा के अलावा बिहार पुलिस कैडर के अधिकारी और सीबीआइ रांची में पदस्थापित परवेज आलम को भी यह सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने जया भादुरी नाम की इंजीनियरिंग की एक छात्र के साथ दुष्कर्म और उसके बाद उसकी हत्या मामले की जांच की थी। आरोपी ने इस कांड में कोई सबूत नहीं छोड़ा था। सीबीआइ ने अंधेरे में जांच शुरू की। कांड में पहले तीन सौ लोग चिन्हित हुए। बाद में इसमें से 150 को अलग किया गया और 150 में से 11 लोग को अंतिम रूप से चिन्हित कर उनके डीएनए लिए गए। सूत्रों ने बताया आरोपी राहुल कांड के बाद से यूपी में छिपा बैठा था। जिसका डीएनए मैच हुआ और इस मामले में बाद में कोर्ट ने राहुल को मौत की सजा सुनाई। परवेज आलम को भी जांच में उत्कृष्टता के लिए गृहमंत्री पद से नवाजा जाएगा। बिहार कैडर के एक अन्य अधिकारी राकेश रंजन जो बेंगलुरू सीबीआइ में पदस्थापित हैं, उन्हें धारवाड़ कर्नाटक में कम उम्र की बच्ची की हत्या कर पेड़ से लटका देने के एक मामले की जांच सौंपी गई थी। इस मामले में सर्किल अफसर समेत एक अन्य सरकारी अधिकारी दोषी पाए गए। जांच में बेहतर प्रदर्शन के लिए राकेश रंजन को भी सम्मानित किया जाएगा। बिहार के इन अफसरों समेत हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू, देहरादून, चेन्नई, रांची और भोपाल के अफसरों का चयन गृहमंत्री पदक के लिए किया गया है।

Input : Arun Kumar Jha (Dainik Jagran)

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