भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल किया। पवन सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना पर्चा भरा है। इससे इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं। राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि अब बीजेपी पवन सिंह के खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी। क्या उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा? दरअसल, उन्हें बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था, मगर उन्होंने टिकट लौटा दिया। फिर बीजेपी से बगावत कर काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
काराकाट लोकसभा सीट से पवन सिंह के नामांकन में गुरुवार को भारी हुजूम उमड़ा। सासाराम कलेक्ट्रेट में 12:30 बजे पवन सिंह ने प्रवेश किया। सुरक्षा कर्मियों ने घेराबंदी करते हुए नामांकन के लिए प्रशासनिक भवन की ओर उन्हें ले जाया गय। जहां हेल्पडेस्क पर उनके कागजातों की जांच की गई। उसके बाद वे अपने प्रस्तावकों के साथ निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचे।
पवन सिंह दोपहर करीब डेढ़ बजे अपना पर्चा दाखिल कर नामांकन कार्यालय से बाहर निकले। इससे पहले कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर भी पवन सिंह को देखने के लिए लोग सड़क पर उतर आए। हालांकि उनके नामांकन को लेकर सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध किया गया था। भीड़ को काबू करने में दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी परेशान नजर आए।
पवन सिंह के निर्दलीय लड़ने से एनडीए का बिगड़ा गणित
बीजेपी के बागी पवन सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने से काराकाट में एनडीए का गणित बिगड़ गया है। यहां से एनडीए समर्थित प्रत्याशी के रूप में राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला सीपीआई माले के राजाराम कुशवाहा से है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ने कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया, वहीं निर्दलीय पवन सिंह राजपूत समाज से आते हैं। इससे एनडीए को अपना सवर्ण वोटबैंक के बिखरने का डर है।
काराकाट में सबसे अंत में लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में 1 मई को मतदान होगा। पवन सिंह अपनी रैलियों में उमड़ रहे हुजूम को वोटों में तब्दील कर पाते हैं या नहीं, 4 जून को चुनाव के नतीजे आने के बाद साफ हो जाएगा।
पवन सिंह को बाहर निकालेगी बीजेपी?
बीजेपी से बगावत कर काराकाट से एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बावजूद पवन सिंह के खिलाफ पार्टी ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। बताया जा रहा है कि पहले बीजेपी की ओर से पवन सिंह को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन वे पीछे नहीं हटे। अब उन्होंने अपना पर्चा भी भर दिया है। ऐसे में संभावना है कि बीजेपी उन्हें पार्टी से बाहर निकाल सकती है।
Source : Hindustan