मोतिहारी. विश्व शान्ति और कल्याण के उद्देश्य से महात्मा गांधी की कर्मभूमि मोतिहारी में विशाल शिवलिंग की स्थापना की गई है. पांच लाख रुद्राक्ष से निर्मित शिवलिंग को राधा सिकारिया एजुकेशन कैम्पस में स्थापित किया गया है. करीब 20 फीट ऊंचे शिवलिंग का निर्माण गोल्ड प्लेटिनम से किया गया है. यह राज्य का पहला सबसे ऊंचा शिवलिंग माना जा रहा है. इसके सबसे उपरी हिस्से में भगवान शिव की प्रतिमा लगी है. भगवान शिव की जटा में माता गंगा भी विराजमान है.
पांच लाख रुद्राक्ष से बने शिवलिंग की स्थापना सुमेरु पीठाधिश्वर जगतगुरु शंकराचार्य श्री नरेन्द्रनन्द सरस्वती जी ने की. शिवलिंग की स्थापना के बाद जगतगुरु शंकराचार्य ने बताया कि मोतिहारी में स्थापित शिवलिंग बिहार में सबसे ऊंचा शिवलिंग है, जिसके निर्माण में पांच लाख रुद्राक्ष लगाये गये हैं.
रुद्राक्ष भगवान शिव के आंख से निकले आंसू से बना होता है. जिस कारण यह भगवान भोले शंकर का सबसे प्रिय माना जाता है. शंकराचार्य ने कहा कि इसके पहले गुजरात में 51 फीट के रुद्राक्ष से बने शिवलिंग की स्थापना की गई है. इसके बाद यह शिवलिंग बिहार के मोतिहारी में स्थापित किया गया है. उन्होंने कहा कि विश्वशान्ति और कल्याण के उद्देश्य से शिवलिंग की स्थापना किया गया है.
बता दें कि इसकी स्थापना मोतिहारी के प्रसिद्ध उद्योगपति शिक्षाविद् डॉ. शम्भुनाथ सिकारिया ने करवाई है. सिकारिया बीएड कॉलेज के संस्थापक डॉ. शम्भुनाथ सिकारिया ने कहा कि लखराव (चार धाम यात्रा) पूजा में सवा लाख शिवलिंग की स्थापना की जाती है, जिसपर जलाभिषेक कर लोग मनोकामना रखते हैं. लेकिन, यहां पांच लाख रुद्राक्ष से बने शिवलिंग की स्थापना से एक बार जलाभिषेक करने से चार बार लखराव यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है.
सकारिया ने कहा कि विश्व शान्ति और जगत के कल्याण के उद्देश्य से शिवलिंग की स्थापना की गई है. उन्होंने कहा कि भगवान शिव ने सपने में शिवलिंग की स्थापना करने का आदेश दिया था, जिसके बाद सपने में आयी आकृति के अनुसार पांच लाख रुद्राक्ष को हरिद्वार से मंगाकर शिवलिंग की स्थापना करायी गयी.
Source : News18