बिहार के पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने राज्य की 8000 से अधिक ग्राम पंचायतों को सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की घोषणा की है। उनके अनुसार, पंचायती राज विभाग में 15610 रिक्त पदों पर जल्द बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह बयान उन्होंने औरंगाबाद में मीडिया से बातचीत के दौरान दिया।
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार की प्राथमिकता गांव-गांव तक विकास योजनाओं को पहुंचाना है। बिहार की 8033 पंचायतों में से लगभग आधी में पंचायत सरकार भवन का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि शेष पंचायतों में निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है। औरंगाबाद जिले में 202 पंचायतों में से 59 में भवन बनकर तैयार हैं, जबकि 26 का निर्माण जारी है।
इन भवनों में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों को कई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जिनमें पुस्तकालय, पोस्ट ऑफिस, और सुधा डेयरी जैसी सेवाएं शामिल हैं। इनसे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे, बल्कि पंचायतों का प्रभाव भी बढ़ेगा।
मंत्री गुप्ता ने बताया कि ग्राम कचहरी के माध्यम से अब 96-97% विवाद स्थानीय स्तर पर सुलझाए जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को किफायती और सुलभ न्याय मिल रहा है। साथ ही, प्रत्येक पंचायत में 10 सोलर लाइट लगाने की योजना शुरू हो चुकी है, और इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि विभाग के पास विकास कार्यों के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है, और सरकार ग्रामीण विकास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
बिहार में पंचायत व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने जो योजनाएं तैयार की हैं, वे ग्रामीण विकास और सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। इन प्रयासों से न केवल पंचायतों की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि गांवों में जीवन स्तर भी सुधरेगा।