शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीइटी) के लिए उम्र समाप्त हो जाने के बाद भी परीक्षार्थियों को मौका मिलेगा। दरअसल यह परीक्षा हर साल आयोजित नहीं होती। ऐसे में पटना हाईकोर्ट ने शिक्षक उम्मीदवारों को बड़ी राहत दी है।

पटना हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए सीनियर और सेकेंडरी स्कूलों के शिक्षक उम्मीदवारों को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को निर्देश जारी कर कहा है कि 2011 से लेकर 2019 के बीच परीक्षा से वंचित अभ्यर्थियों को पात्रता परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए। यह आदेश न्यायाधीश डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय ने मंगलवार को पंकज कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

 

याचिकाकर्ता के वकील रीतिका रानी ने कोर्ट को बताया कि 2011 के बाद सीधे 2019 में परीक्षा संबंधी विज्ञापन निकाला गया। लेकिन नियमानुसार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को प्रत्येक साल शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करनी थी। प्रत्येक साल परीक्षा नहीं होने के कारण सैकड़ो अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गए। कुल मिला कर आठ साल तक अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने का मौका नहीं मिला। कोर्ट ने साफ कर दिया कि 8 साल के दौरान परीक्षा से वंचित शिक्षकों के उम्मीदवारों को परीक्षा में शामिल होने दिया जाए।

Input : Dainik Jagran

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