सहारा के करीब 10 करोड़ निवेशकों आज यानी 18 जुलाई 2023 को बड़ी खुशखबरी मिलने जा रही है। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च करेंगे। इस रिफंड पोर्टल (वेबसाइट) की मदद से सहारा के उन निवेशकों के पैसे वापस मिलेंगे जिनके निवेश का टाइम पूरा हो चुका है। इस पोर्टल पर सहारा निवेशकों को रिफंड से जुड़ी हर एक जानकारी दी जाएगी। बता दें, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह कार्रवाई हो रही है।
सहारा की cooperative societies में जिन लोगों के कई सालों से रुपये फँसे हुए थे, उनके लिए कल एक विशेष दिन है। मोदी सरकार उन निवेशकों की जमा राशि को लौटाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है जिसके अंतर्गत कल “सहारा रिफंड पोर्टल” का शुभारंभ होगा।
प्रधानमंत्री मोदी जी… https://t.co/VdN2txWtT2
— Amit Shah (@AmitShah) July 17, 2023
किन लोगों को मिलेगा पैसा?
सहारा समूह की सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड समितियों के पास पैसे जमा करने वाले निवेशकों को राहत दिलाने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इनके दावों की भरपाई के लिए 5,000 करोड़ रुपये सीआरसीएस को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था।
निवेशकों को क्या करना होगा?
सहारा निवेशकों को पहले तो ये चेक करना होगा कि उनका पैसा किस समिति में लगा है। वहीं, अपने सभी डॉक्यूमेंट को इकट्ठा करना होगा। जब तक सभी जानकारी पूरी तरह से स्पष्ट ना हो जाए तब ये डॉक्यूमेंट किसी को देने से बचना चाहिए। सहारा के एजेंट की इस पूरे रिफंड प्रोसेस में क्या भूमिका रहने वाली है इसकी भी जानकारी पोर्टल लॉन्च होने के बाद पता चल जाएगी।
यूपी-बिहार के सबसे अधिक लोग
याद करिए 2005 के आस-पास का दौर जब यूपी-बिहार के गली-मुहल्लों में सहारा की योजना की धूम थी। लोग अपनी गाढ़ी कमाई सहारा इंडिया में अच्छे रिटर्न के लिए जमा कर रहे थे। उन्हें क्या पता था कि एक दिन यह कंपनी उनके पैसे लौटाने से मना कर देगी।
2009 में जब कंपनी आईपीओ के लिए गई तो सारी पोल ही खुल गई। जांच की गई तो पता चला कि सहारा इंडिया ने 24,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था ने सहारा को निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए कहा। लेकिन कंपनी ने आदेश को नहीं माना। समय आगे बढ़ता गया और मामला कानूनी दांव पेंच में फंसता गया। लेकिन निवेशकों का इंतजार अब आज खत्म हो रहा है।
Source : Hindustan