बिहार में मैट्रिक परीक्षा के पहले परीक्षार्थी अब अपना सही आकलन खुद कर पायेंगे। परीक्षा के दौरान किस तरह की ग’लतियों से उन्हें बचना है, इसकी जानकारी भी परीक्षार्थी को खुद मिल सकेगी। पहली बार मैट्रिक परीक्षा के पहले परीक्षार्थियों के लिए मॉक टेस्ट की व्यवस्था की जाएगी। इसकी तैयारी बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने शुरू कर दी है। स्कूलों में मॉक टेस्ट 15 नवंबर से शुरू होगा।
ज्ञात हो कि मैट्रिक की सेंटअप परीक्षा सात नवंबर से शुरू होगी। इसके बाद मॉक टेस्ट शुरू किया जाएगा। इसमें एक दिन तीन घंटे की परीक्षा छात्र देंगे। उसके बाद परीक्षा के दौरान छात्रों द्वारा की जाने वाली गलतियों को देखकर उन्हें सुधारा जायेगा। मॉक टेस्ट का शेड्यूल बिहार शिक्षा परियोजना परिषद और इकोवेशन संस्था तैयार कर रही है। इकोवेशन के रितेश कुमार ने बताया कि नवंबर से दिसंबर तक मॉक टेस्ट होगा। छात्रों की खामियों को दूर किया जायेगा।
हर जिले के 25 से 30 स्कूल चयनित
मॉक टेस्ट के लिए हर जिले से 25 से 30 स्कूल चयनित किये जायेंगे। उन स्कूलों को मौका दिया जायेगा, जहां पर स्मार्ट क्लास नियमित रूप से चल रही है तथा स्मार्ट क्लास का रिस्पांस राज्यभर में बेहतर है। इस साल राज्यभर के 1140 स्कूलों में मॉक टेस्ट शुरू होगा।
क्रैस कोर्स से परीक्षा की तैयारी को दिया जाएगा अंतिम रूप
पटना जिले की ओर से मैट्रिक की तैयारी के लिए क्रैस कोर्स कराया जायेगा। डीपीओ नीरज कुमार ने बताया कि फरवरी में मैट्रिक परीक्षा होगी। इससे पहले क्रैस कोर्स कराया जायेगा। क्रैस कोर्स के लिए सिलेबस तैयार किया जा रहा है। ज्ञात हो कि पटना जिले में 256 हाईस्कूल और प्लस टू स्कूल हैं। क्रैस कोर्स की जानकारी जल्द ही स्कूलों को दी जायेगी।
ये होंगे फायदे
- -तीन घंटे की परीक्षा होगी, छात्र अपनी गलतियां देख पाएंगे
- -छात्र-छात्राओं से कठिन चैप्टर का रिवीजन कराया जाएगा
- – उन चैप्टरों पर फोकस होगा, जिसने प्रश्न अधिक आएंगे
- – मॉक टेस्ट बिहार बोर्ड के परीक्षा पैटर्न पर आधारित रहेगा
- – ओएमआर शीट भरवाने के लिए भी समय दिये जाएंगे
मैट्रिक परीक्षा की तैयारी के लिए मॉक टेस्ट कराया जायेगा। इसके लिए स्कूलों को सूचना दी जा रही है। तीन घंटे की परीक्षा विद्यार्थी दे पायेंगे और अपना आकलन कर पायेंगे। स्मार्ट क्लास के माध्यम से मॉक टेस्ट होगा। -किरण कुमारी, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी
Input : Hindustan