नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में मध्य प्रदेश को पहला, ओडिशा को दूसरा पुरस्कार मिला। जबकि आंध्रप्रदेश के साथ बिहार को सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ तथा केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री, भारत सरकार श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने चतुर्थ राष्ट्रीय जल पुरस्कार के सभी विजेताओं को सम्मानित किया। बिहार की तरफ से ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. एन. सरवण कुमार तथा जल जीवन हरियाली मिशन के मिशन निदेशक श्री राहुल कुमार ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना जल जीवन हरियाली अभियानअंतर्गत कराए जा रहे वृहत प्रयासों के फलस्वरूप राज्य को यह महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दिनांक 02 अक्टूबर, 2019 को जल जीवन हरियाली अभियानकी शुरुआत की गयी थी, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करना तथा पर्यावरण संरक्षण है। इस अभियान केअंतर्गत राज्य भर में 11 चिन्हित अवयवों का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसमें सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराना, उनका जीर्णोद्धार, छत वर्षा जल संचयन, व्यापक स्तर पर सोख्ता निर्माण, नए जल स्रोतों का सृजन तथा सूक्ष्म सिंचाई जैसे कार्य सम्मिलित हैं। राज्य के 15 विभागों के समन्वय से संचालित इस अभियान का अनुश्रवण ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत जल जीवन हरियाली मिशन के स्तर से किया जा रहा है।
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. एन. सरवण कुमार ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्ति के लिए जल – जीवन – हरियाली अभियान के सभी क्रियान्वयन विभागों को बधाई देते हुए कहा, “जल संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति समर्पित इस राज्यव्यापी अभियान को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। केवल साढ़े तीन वर्षों में ही इस अभियान के कई सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं। आने वाले वर्षों में इस अभियान के दूरगामी प्रभाव दिखायी देंगे।”
पुरस्कार ग्रहण करने के उपरान्त जल – जीवन – हरियाली मिशन के मिशन निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे जल – जीवन – हरियाली अभियान की प्रशंसा आज देश-दुनिया के कई मंचों से हो रही है। पर्यावरण संरक्षण तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को लक्षित ऐसा राज्यव्यापी अभियान चलाने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। भारत सरकार के केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में इस अभियान की सराहना करते हुए राज्य के भू-गर्भ जल में बढ़ोतरी प्रतिवेदित किया है।
साढ़े तीन वर्षों की संचालन अवधि में जल – जीवन – हरियाली अभियान अंतर्गत लगभग तीस हजार सार्वजनिक तालाबों, पोखरों, आहरों, पईनों एवं कुओं को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। 80 हजार से अधिक सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोद्धार कराया गया है। भू-गर्भ जल के स्तर में अभिवृद्धि के उद्देश्य से राज्य भर में सार्वजनिक कुओं एवं चापाकलों के किनारे लगभग डेढ़ लाख सोख्ता का निर्माण कराया गया है। छोटी-छोटी नदियों, नालों एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में लगभग 10 हजार चेक डैम एवं जल संचयन की अन्य संरचनाओं का निर्माण कराया गया है। लगभग 35 हजार नए जल स्रोत सृजित किए गए हैं। साढ़े 13 हजार सार्वजनिक भवनों पर छत वर्षा जल संचयन का कार्य कराया गया है। अभियान अंतर्गत कृषि कार्यों में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति पर भी बल दिया जा रहा है।