बिहार के करीब 3.75 लाख नियोजित शिक्षकों के लिए यह अच्छी खबर है। विधानसभा चुनाव से पहले ऐसे शिक्षकों के वेतन में 18 से 20 फीसद बढ़ोतरी की संभावना है। इस मसले पर शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग से विमर्श किया है। हालांकि, वेतन वृद्धि पर अंतिम फैसला कैबिनेट को लेना है, लेकिन शिक्षा विभाग ने वेतन वृद्धि को लेकर अपने स्तर से तैयारी आरंभ कर दी है।
शिक्षा विभाग के एक उच्चपदस्थ अधिकारी ने बताया कि वेतन वृद्धि का लाभ अगले वित्तीय वर्ष से शिक्षकों को मिलेगा। अब नवनियुक्त शिक्षक को 17500 रुपये से ज्यादा ही वेतन मिलेगा। जबकि, प्लस-टू स्कूल के शिक्षक का वेतन 39-40 हजार रुपये तक हो जाएगा।
नियोजन के दो वर्ष तक किसी भी शिक्षक को वेतन वृद्धि का लाभ नहीं देने का प्रावधान है, लेकिन इसमें भी संशोधन संभव है। दो वर्षों के बाद शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि समान काम समान वेतन मामले में सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार की ओर से नियोजित शिक्षकों को अधिकतम 20 फीस वेतन वृद्धि का लाभ देने की बात कही गई थी। यह भी कहा गया था कि वेतन बढ़ाने के पहले नियोजित शिक्षकों की एक परीक्षा ली जाएगी, जिसमें पास करने वालों को ही वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि अगले पांच साल में किसी भी स्तर के नियोजित शिक्षकों का न्यूनतम वेतन 40 हजार रूपये से कम नहीं होगा।
Input : Dainik Jagran