सूबे के हर जमीन मालिक का अपना भूमि अकाउंट नंबर (यूआईडी) होगा। इसी उद्देश्य से लोगों की जमीन के कागजात खासकर जमाबंदी पेपर को आधार नंबर से लिंक करने का काम शुरू हो गया है। राजस्व कर्मचारी एप में यह व्यवस्था की गई है।
राज्य के अधिकांश अंचल कार्यालयों में इस बाबत नोटिस भी जारी कर दिया गया है ताकि लोगों को जानकारी मिल सके। भूमि एकाउंट बनाने का उद्देश्य फर्जीवाड़ा रोकना, एक जमीन की दोहरी जमाबंदी नहीं होने और भूमि विवाद के मामले को कम करना है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी जिलों के डीएम को इस बाबत पत्र भेज दिया है। सूबे में चार करोड़ 18 लाख जमाबंदी है। भूमि के सर्वेक्षण के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को यह जानकारी मिली कि ज्यादातर भूमि में फर्जीवाड़ा का काम रजिस्टर-2 में छेड़छाड़ के कारण हुआ है। एक जमीन दो या दो से अधिक लोगों के नाम जमाबंदी कर देने की शिकायत थी। इसीलिए राजस्व कर्मचारी एप को आधुनिक बनाया गया है ताकि ऐसे फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जा सके। इसीलिए जमाबंदी पेपर को आधार नंबर से लिंक करने पर यह समस्या समाप्त हो जाएगी क्योंकि आधार से लिंक जमीन के साथ यदि कोई फर्जीवाड़ा करता है तो पहले ही जानकारी मिल जाएगी।
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जमाबंदी को आधार से लिंक करने का काम स्वैच्छिक है। इसके फायदे के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है।
राजस्व कर्मचारी एप पर काम शुरू
सूबे के राजस्व कर्मचारियों के लिए बनाए गए एप पर जमीन को आधार नंबर से लिंक करने का काम शुरू हो गया है। प्रत्येक जिले में राजस्व कर्मचारी लोगों से आधार नंबर मांग रहे हैं ताकि उनकी जमीन को लिंक किया जा सके। अधिकांश अंचल कार्यालयों में नोटिस भी चस्पा कर दिया गया है।
जमाबंदी पेपर को आधार नंबर से लिंक कराया जा रहा है। इससे जमीन का फर्जीवाड़ा रुकेगा। भूमि विवाद कम होंगे तथा एक जमीन की दोहरी जमाबंदी पर अंकुश लगेगा। भविष्य में यह प्लान है कि प्रत्येक जमीन मालिक का भूमि अकाउंट बनाया जाए। यदि कोई भी उसकी जमीन के साथ फर्जीवाड़ा करेगा जानकारी मिल जाएगी। – आलोक कुमार मेहता, मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
सरकारी जमीन का अलग अकाउंट नंबर होगा
सरकारी जमीन जहां भी है उसके सर्वेक्षण का काम चल रहा है। सरकारी जमीन का भी अकाउंट होगा ताकि सरकार के पास कितनी जमीनें बची हैं तथा कितनी जमीन पर निर्माण या अन्य कार्य किया जा चुका है, इसकी जानकारी मिल सके। सरकारी जमीन का कोई गलत तरीके से खाता नहीं खोल सकेगा। नई व्यवस्था में इससे काफी लाभ मिलेगा।
Source : Hindustan