रक्सौल की बेटी अंशु कुमारी ने रेडियो स्पेक्ट्रो पोलरीमीटर नामक जो यंत्र विकसित किया, वह सूर्य के रहस्यों को समझने में सहायक विवरण जुटा रहा है। सूर्य पर होने वाले विस्फोटों की जानकारी भी इसके माध्यम से दर्ज की जा रही है, समझी जा रही है। सूर्य से आने वाली चुंबकीय तरंगों के अध्ययन पर आधारित यह शोध एस्ट्रोफिजिकल जर्नल अमेरिका और सोलर फिजिक्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

अंशु ने बताया, सूर्य के रहस्य को समझना कठिन है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इसके बारे में जानने का यत्न कर रहे हैं। सूर्य की गतिविधियों और धरती पर पड़ने वाले प्रभाव को जानने के लिए यह यंत्र- रेडियो स्पेक्ट्रो पोलरीमीटर मैंने विकसित किया, जो अब बेहतर परिणाम दे रहा है। शोधार्थी वैज्ञानिकों और छात्रों को इससे मदद मिल रही। यंत्र से ही पता चला कि चार साल में सूर्य पर 50 से अधिक विस्फोट हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस यंत्र को जून 2015 में रेडियो एस्ट्रोनॉमी फील्ड स्टेशन गौरीबिदानूर, कर्नाटक में स्थापित किया गया। इससे मिलने वाले परिणामों पर आधारित शोध 2019 में अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुआ है। यह यंत्र सूर्य से आने वाली विद्युत चुंबकीय तरंगों को रिकॉर्ड कर इनका आकलन करने में सहायता प्रदान करता है। इससे धरती के तापमान, मौसम, जनजीवन और ऐसे महत्वपूर्ण विषयों में पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। अंशु ने सूर्य के रेडियो वेवलेंथ, कोरोनल मास इजेक्शन और उससे जुड़े पांच बड़े विस्फोटों का अध्ययन किया। इन विस्फोटों के कारण हुए रेडियो एक्टिव उत्सर्जन और चुंबकीय तरंगों पर इसके प्रभाव के अलावा सूर्य के कोरोना (सतह) पर मैग्नेटिक फील्ड में आए परिवर्तन को समझने पर उनका शोध केंद्रित रहा। अब अंशु सूर्य पर होने वाले इन स्थलीय परिवर्तनों का अध्ययन कर रही हैं। उन्होंने पता लगाया है कि जब सूर्य की मैग्नेटिक फील्डलाइन टूटती या जुड़ती है तो उसकी सतह पर विस्फोट होते हैं। कोरोनल मॉडलिंग से डाटा संग्रहण के जरिये वह उन संभावनाओं को जानने की कोशिश में हैं, जिनसे सूर्य की सतह पर होने वाली इन घटनाओं के कारण और समय की सही जानकारी मिल सके। जंतु विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर चंद्रमा सिंह की बेटी अंशु बताती हैं कि उन्हें बचपन से ही सूर्य में रुचि थी। मां सविता शिक्षा पदाधिकारी थीं, जिन्होंने अपनी लाडली को हमेशा प्रोत्साहन दिया।

रेडियो स्पेक्ट्रो पोलरीमीटर से सूर्य की आंतरिक गतिविधियों और तापमान को आसानी से मापा जा सकता है। यह उपकरण सूर्य की सतह पर होने वाली रेडियो एक्टिविटी हलचल और चुंबकीय तरंगों को रिकॉर्ड करता है।

-अंशु कुमारी, रिसर्चर, हेलसिंकी विश्वविद्यालय, फिनलैंड

  • एस्ट्रोफिजिकल जर्नल अमेरिका और सोलर फिजिक्स जर्नल में प्रकाशित हुआ शोध
  • चार साल में सूर्य पर 50 से अधिक विस्फोट हुए दर्ज

Input : Dainik Jagran

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