केस-मुकदमों में फंसे लोग अब थाना और पुलिस को सेट नहीं कर पाएंगे। दरअसल बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने ऐसा काम किया है जिससे पुलिस और थाना को मैनेज करना अब मुश्किल होगा। बता दें कि अब थाना और थाना से जुड़े पुलिस अधिकारियों के मूवमेंट, सनहा-शिकायत-प्राथमिकी के एंट्री के आधिकारिक दस्तावेज यानी स्टेशन डायरी को डिजिटल करने की शुरुआत हो गई है।

Sharda Heritage- Marriage Hall , Banquet Hall Muzaffarpur

इसकी शुरुआत राजधानी पटना से हुई है। 15 दिसंबर के बाद से इसे बिहार के अन्य जिलों में लागू कर दिया जायेगा। बिहार पुलिस ने लक्ष्य रखा है कि नए साल यानी 1 जनवरी से थानों में स्टेशन डायरी के बदले सब डिजिटल तरीके से दर्ज हो। इसे दूसरे सीनियर अफसर जब चाहें तब देख सकते हैं।

मालूम हो कि पटना के सभी थानों में 5 दिसंबर से डिजिटल स्टेशन डायरी लिखने की शुरुआत हो चुकी है। जबकि राज्य के बाकि अन्य जिलों में 15 दिसंबर से डिजिटल स्टेशन डायरी लिखी जाएगी। जिसके बाद स्टेशन डायरी लिखने की प्रक्रिया पूरी तरह बंद हो जाएगी। डिजिटल डायरी आने से जिलों के एसपी अपने जिले के किसी भी थाना की स्टेशन डायरी सिर्फ एक ही क्लिक में देख सकते हैं।

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Pooja

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