अब बिहार पुलिस की पहचान बरगद के पेड़ से नहीं होगी। सरकार में बरगद के पेड़ वाले लोगो की जगह आधुनिक और आकर्षक पहचान देने की योजना पर काम चल रहा है। तीन वरिष्ठ आईपीएस को इसकी जिम्मेदारी दी गई है जो अब तक कई लोगो डिजाइन कर चुके हैं।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जो लोगो तैयार किया जा रहा है उसमें एक साथ कई संदेश होंगे। यह अन्य प्रदेशों की पुलिस के लोगो से काफी बेहतर, आकर्षक और कई तरह का संदेश देने वाला होगा। लोगो के नीचे एक प्रभावशाली स्लोगन भी होगा, जो मौजूदा समय के लोगो में नहीं है।

वर्ष 1912 से है बरगद का पेड़

बिहार में आधुनिक पुलिसिंग की शुरुआत वर्ष 1862 में की गई थी लेकिन 1912 में बिहार पुलिस को अलग पहचान मिली थी। प्रदेश पुलिस की पहचान के लिए बरगद वाले पेड़ का लोगो बनाया गया। बरगद के पेड़ को लोगो में लाने का उद्देश्य आम जनता को सुरक्षा का संदेश देना था। बिहार पुलिस के लोगो में बरगद के पेड़ के साथ जड़ के पास शस्त्र को दिखाया गया है। बरगद के पत्ते लटके और छायादार दिखते हैं और उसपर शस्त्र सुरक्षा का संदेश दे रहे होते हैं। नीले रंग के फ्लैग पर पीले रंग का बरगद का पेड़ और शस्त्र के नीचे नदी बहने का निशान दिया गया है।

इतिहास बदलने के लिए कमेटी

पुलिस की पहचान और इतिहास बदलने के लिए प्रदेश के तीन सीनियर आईपीएस की एक कमेटी बनाई गई है। एडीजी स्पेशल ब्रांच जितेंद्र सिंह गंगवार को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। उन्हें लोगो बनाकर भेजने की जिम्मेदारी दी गई है। तीन सदस्यीय कमेटी में आईजी कमल किशोर के साथ एक अन्य सीनियर आईपीएस को शामिल किया गया है। कमेटी कई लोगो पर काम कर चुकी है और जल्द ही बिहार पुलिस का नया लोगो आ जाएगा।

इन संदेशों को बताने वाला होगा लोगो

– आधुनिक पुलिसिंग

– जन उपयोगी

– निरंतर कार्यशील

– नए आयाम

– सर्व सुलभ

– चुनौती और पुलिस के गौरव व बलिदान का समावेश

बिहार पुलिस के लिए नया लोगो बनाने के लिए एक कमेटी बनाई गई है जिसका मुझे अध्यक्ष बनाया गया है। हम लोगो पर काम कर रहे हैं। इसे आधुनिक और कई संदेश देने के साथ गौरवपूर्ण बनाया जाएगा। – जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी स्पेशल ब्रांच

Input : Hindustan

 

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