मुश्किल में फंसे इंसान की मदद में देर नहीं लगेगी। इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) के डायल 112 सेवा के तहत पुलिस 15 से 20 मिनट में कॉल करनेवाले शख्स के पास पहुंचेगी। फिलहाल यह सेवा राजधानी पटना और राज्य के तमाम जिला मुख्यालयों तक सीमित होगी। हालांकि धीरे-धीरे इसका विस्तार राज्य के सभी अनुमंडल, प्रखंड और गांव तक किया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक ईआरएसएस सेवा का उद्घाटन बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। इसके बाद डायल 112 की सेवा विधिवत शुरू हो जाएगी। राजवंशी नगर स्थित वायरलेस मुख्यालय में बने राज्यस्तरीय कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में इसके लिए कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। ईआरएसएस एक महत्वाकांक्षी योजना हैं, जिसके तहत किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति में सहायता के लिए सिर्फ एक ही नंबर ‘डायल 112’ पर फोन करना है।

बिहार पुलिस के करीब 8000 अधिकारी और जवान इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के लिए पटना और राज्य के अन्य जिलों में प्रतिनियुक्त किए गए हैं। ईआरएसएस के लिए 400 चारपहिया वाहनों की खरीद हुई है। एक वाहन पर तीन शिफ्ट में पुलिस पदाधिकारी व जवानों की ड्यूटी होती है। आनेवाले दिनों में 800 और वाहनों की खरीद होगी और उसी हिसाब से पुलिसकर्मियों को ईआरएसएस में प्रतिनियुक्त किया जाएगा। इसके बाद जिला मुख्यालयों से बाहर इस सेवा को कस्बों और गांवों तक पहुंचाया जाएगा।

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इस तरह काम करता है ईआरएसएस

इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम तीन स्तर पर काम करता है। डायल 112 पर फोन, राज्यस्तरीय कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को आता है। यहां कॉल रीसिव होते ही मदद पहुंचाने की कार्रवाई शुरू हो जाती है। सबसे पहले डायल 112 की उस गाड़ी को रवाना किया जाता है जो सबसे नजदीक में मौजूद है। वहां जैसी जरूरत होती है उसके मुताबिक एम्बुलेंस या फिर फायर ब्रिगेड को सूचना दी जाती है। वहीं पुलिस से जुड़ा मामला होने पर इसे स्थानीय थाने को सौंप दिया जाता है। कंट्रोल रूम में आई सूचना जिलास्तर पर बने डिस्ट्रिक को-ऑडिनेशन सेंटर और संबंधित थानेदार को भी दी जाती है जहां से मामला जुड़ा होता है। डायल 112 पर सहायता के लिए आनेवाले कॉल पर कार्रवाई नहीं करनेवाले अधिकारियों-कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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97 प्रतिशत कॉल फालतू आ रहे

राजवंशी नगर स्थित कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के डायल 112 के सरवर पर रोजाना करीब 5 लाख कॉल हिट कर रहे हैं। इनमें से 97 प्रतिशत कॉल फालतू के रहते हैं। बड़ी संख्या में लोग डायल 121 की जगह 112 पर फोन कर रहे।

Source : Hindustan

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