बिहार के दरभंगा जिले के रहने वाले सातवीं पास जमील शाह का बस एक ही सपना था मुंबई में रहने वाले बडे-बडे फिल्मी सितारों को एक नजर देखने का, उनसे मिलने का। उनके इसी जूनून ने इन्हें डांसिंग शूज का मास्टर बना दिया। अब तो ये आलम यह है कि कटरीना कैफ, प्रियंका चोपडा से लेकर आमिर खान, सलमान खान, ऋतिक रोशन जैसे कई बडे कलाकार इनके बनाए जूतों के कायल हैं।

जमील शाह बिहार से दिल्ली, बेंगलुरू और फिर सपनों के शहर मुंबई पहुंचे। वे बैकग्राउंड डांसर बनकर बडे-बडे कलाकारों के साथ डांस करना चाहते थे लेकिन यह आसान नहीं था। उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वह किसी डांसिंग स्कूल में भर्ती हो सकें। इसलिए उन्हें कई साल तक चौकीदारी करनी पडी। उनके डांस की काबलियत को सबसे पहले देखा जाने-माने डांसिंग गुरु संदीप सोपारकर ने।

जमील शाह की प्रतिभा को देखते हुए संदीप ने उनसे फीस के तौर पर एक रुपया भी नहीं लिया। लेकिन डांस के जूते बेहद महंगे होते हैं। इनकी शुरुआत ही 10 हजार से होती है और इनकी कीमत 2 लाख तक जाती है। फिर भारत में इनका मिलना मुश्किल होता है इसलिए इन्हें कई बडे डांस गुरु इंग्लैंड से एक साथ ऑर्डर देकर मंगवाते हैं।

अब जमील के लिए तो यह संभव नहीं था इसलिए उन्होंने अपने साथ काम करने वाले डांसरों के जूतों को देखकर वैसे ही जूते बनाए और गुरु दक्षिणा के तौर पर उन्हें संदीप सोपारकर को भेंट किया। जूते सबको बेहद पसंद आए और 2007 में वहां से शुरू हुआ डांसिंग जूते बनाने का सिलसिला।

30 साल के जमील शाह का ये सफर धारावी से शुरू हुआ था और ऐसा नहीं कि इसमें मुश्किलें नहीं आईं। वह कहते हैं, ‘मैंने बेहद गरीबी देखी, मुझे अपने गांव वालों और पडोसियों के ताने सुनने पडे। लोग मुझे हीरोइनों के जूते साफ करने वाले और मुजरा करने वाला कहते थे। लेकिन मेरी कामयाबी ने सबको मुंह बंद कर दिया आज वही लोग मेरी तारीफ करते हैं।’

जमील कहते हैं, ‘भारत में ज्यादातर लोग समझते हैं कि आम जूते और डांस में इस्तेमाल किए जाने वाले जूते में कोई फर्क नहीं होता जबकि डांस में इस्तेमाल किए जाने वाले जूते दूसरे जूतों के मुकाबले बेहद अलग होते हैं।’

‘इन जूतों को बनाते वक्त उनके आरामदेह होने, उनके आकार, उनकी कोमलता और वजन का काफी ध्यान रखना पडता है। फिर हर डांस स्टाइल के लिए अलग-अलग जूतों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे सालसा, जैज, टैप, बेली, हिपहॉप, लैटिन, साम्बा, जाम्बा, तुम्बा, मॉडर्न, टैंगो और फ्लेमेंको डांस। इन सभी के जूतों में जमीन आसमान का फर्क है।’

धूम 3 में अभिनेता आमिर खान ने जो टैप डांस किया है उसके जूते अलग होते हैं। वो जूते थोडे भारी होते हैं उन जूतों के नीचे एल्युमीनियम की परत लगाई जाती है जिससे डांस करते वक्त इन जूतों से थपथपाहट की जोरदार आवाज आ सके।

इसी तरह फ्लेमेंको डांस के लिए भी जूते के एडी और पंजो को बहुत सख्त बनाया जाता हैं लेकिन फर्क बस इतना होता है कि उनमें एल्युमीनियम के बजाए कीलें ठोकी जाती हैं, जिससे उन जूतों से आवाज थोडी धीमी आए। सालसा डांस वाले जूते बेहद कोमल होते हैं क्यूंकि सालसा डांस करते वक्त पैरों के पंजे पर ज्यादा जोर दिया जाता है इसलिए जूतों का पंजा थोडा चौडा होता हैं और एडी की नोक पतली और लंबी होती।

कुछ जूते तो ऐसे भी होते हैं जिनका वजन और मोजों का वजन और लचीलापन एक सामान होना चाहिए। जैज डांस के जूते तो इतने हलके होते हैं कि उन्हें आप जेब में भी रख सकते हैं। वह मोजे जितने हलके होते हैं उन्हें जैसे चाहे मोड सकते हैं, निचोड सकते हैं। लैटिन बॉल डांस के लिए जो जूते होते हैं वह क्यूबन हील यानी घनाकार वाली हील होते हैं। उन्हें पहनकर एकदम सीधे खडा होना होता है। इन्हें लडके और लडकी दोनों ही पहन सकते हैं।’

जमील कहते हैं, ‘बॉलीवुड के फिल्मी सितारों में सबसे पहले मैंने डिनो मोरया के लिए जूते बनाए थे। फिर प्रियंका चोपडा के लिए फिल्म सात खून माफ के लिए टैंगो डांस के जूते बनाए। धूम 3 में आमिर खान के लिए टैप डांसिंग शूज बनाए। जिंदगी न मिलेगी दोबारा में सेनोरिटा गाने के लिए ऋतिक के लिए सालसा जूते बनाए।’

‘इनके अलावा आलिया भट्ट, काजोल, अजय देवगन, सलमान खान, रणबीर कपूर, कटरीना कैफ, श्रीदेवी जैसे कई सितारों के लिए एक दो जोडी नहीं बल्कि 10 जोडियां तक बनाई हैं।

Input : BBC 

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