बिहार के साढ़े 3 लाख नियोजित शिक्षकों के अरमानों पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेर दिया है. समान काम के बदले समान वेतन की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया है. कोर्ट ने बिहार सरकार को बड़ी राहत देते हुए शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन देने से मना कर दिया है. शुक्रवार को हुए सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि नियोजित शिक्षक समान काम के बदले समान वेतन के कैटेगरी में नहीं आते हैं , उन्हें समान वेतन नही दिया जा सकता है.

आपको बता दें कि इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था. बिहार सरकार को समान वेतन देने का निर्देश दिया था. लेकिन बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर पहले भी 11 याचिकाओं पर सुनवाई की गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने 3 अक्टूबर 2018 को फैसला सुरक्षित रख लिया था.सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने स्पष्ट कहा था कि नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन नहीं दिया जा सकता. केंद्र सरकार ने भी इसका समर्थन किया था. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में 36 पन्नों का हलफनामा दिया था, जिसमें कहा गया था कि इन्हें समान काम के लिए समान वेतन नहीं दिया जा सकता, क्योंकि समान काम के लिए समान वेतन के कैटेगरी में ये शिक्षक नहीं आते.

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट नंबर 6 में जस्टिस अभय मनोहर सप्रे और जस्टिस अभय ललित ने इस मामले में अपना आदेश सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि बिहार के 3 लाख 50 हजार नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन के कैटेगरी में नहीं आते हैं. आपको बता दें कि बिहार सरकार ने इस मामले को लेकर कहा था कि अगर नियमित शिक्षकों के तर्ज पर इन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन देने पर सालाना करीब 36,998 करोड़ का अतिरिक्त भार आयेगा.

गौरतलब है कि बिहार में समान कार्य के लिए समान वेतन को लेकर नियोजित शिक्षक काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई के दौरान बिहार सरकार ने स्पष्ट कहा था कि नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन नहीं दिया जा सकता. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला सूना दिया है. अब शिक्षक आगे क्या कदम उठाते हैं ये देखने वाली बात होगी.

Input : Live Cities

I just find myself happy with the simple things. Appreciating the blessings God gave me.