जिले में छात्र-शिक्षक अनुपात को बेहतर करने के लिए सातवें चरण में करीब चार हजार पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसमें पहली से पांचवीं और छठी से आठवीं कक्षा तक अलग-अलग विषयों में शिक्षक बहाल होंगे। सातवें चरण में शिक्षक नियोजन की तैयारी शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि छठे चरण में नियोजन के बाद रिक्त रह गए सीट और एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2021 तक सेवानिवृत्त, त्यागपत्र, पद’युत या मृत हो जाने वाले शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति की जाएगी। शिक्षक-छात्र अनुपात को बेहतर करने के लिए प्रति 40 छात्रों पर एक शिक्षक की नियुक्ति की जानी है। इसी के अनुसार सभी प्रखंडों से विद्यालयवार शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या मंगवाकर उसे समेकित किया गया है।
पिछले चरण में नियुक्ति के बाद रिक्त रहे पद
छठे चरण में नियुक्ति के बाद पहली से पांचवीं कक्षा तक सामान्य कोटि में 1322 और उर्दू में 731 पद रिक्त रह गए थे। वहीं छठी से आठवीं कक्षा तक में हिंदी में 94, अंग्रेजी में 39, संस्कृत में 105, उर्दू में 76, गणित व विज्ञान में 02 शिक्षकों के पद रिक्त रह गए थे। वहीं पहली से पांचवीं कक्षा में सेवानिवृत्ति व अन्य कारणों से नियमित शिक्षकों के लिए सामान्य विषयों में 301 व उर्दू में 35 पद रिक्त हैं। छठी से आठवीं कक्षा के लिए नियोजित शिक्षकों की श्रेणी में सामान्य में 128, उर्दू मे आठ व हिंदी में 7 पद रिक्त हैं।
अनुपात ठीक करने के लिए 1139 अतिरिक्त शिक्षकों की आवश्यकता
छात्र शिक्षक अनुपात को ठीक करने के लिए जिले में पिछले चरण, सेवानिवृत्त-मृत के अलावा अतिरिक्त शिक्षकों की भी जरूरत है। विभिन्न नियोजन इकाइयों की ओर से भेजी गई रिक्ति के अनुसार 1139 अतिरिक्त शिक्षकों की नियुक्ति हो जाने के बाद जिले में शिक्षक-छात्र अनुपात ठीक हो जाएगा।
Source: Dainik Jagran