गुजरात के सूरत से एक अचंभित कर देने वाला मामला सामने आया है। 9 साल की उम्र में जहां बच्चे खेल कूद में लगे रहते हैं। वहीं एक अरबपति परिवार की 9 साल की बेटी ने संन्यास ले लिया।
सूरत के हीरा व्यापारी संघवी मोहन भाई की पोती और धनेश-अमी बेन की 9 साल की बेटी देवांशी ने दीक्षा लेकर संन्यास ले लिया।आचार्य विजय कीर्तियशसूरि की सानिध्य में उसने 18 जनवरी को सुबह 7 बजे संन्यासी जीवन स्वीकार कर लिया।
बता दें कि अरबपति परिवार की बेटी देवांशी के संन्यास लेने से पहले दीक्षा महोत्सव के अवसर पर सूरत में वर्षीदान यात्रा निकाली गई। इसमें 4 हाथी, 11 ऊँट और 20 घोड़ों शामिल किए गए। इसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। वहीं देवांशी के दीक्षा ग्रहण कार्यक्रम में करीब 35 हजार लोग सम्मिलित हुए।
देवांशी के दीक्षा ग्रहण करने पर उनके परिवार वालों का कहना है कि बचपन से ही बच्ची की रुचि धार्मिक कार्यों में थी।इतने बड़े परिवार से होने के बाद भी उसने कभी टीवी तक नही देखा था। इतना ही नही इतनी छोटी सी उम्र में ही वो 357 दीक्षा कार्यक्रम में भाग ले चुकी है।
मिली जानकारी के मुताबिक देवांशी के पापा धनेश अरबपति संघवी मोहन के इकलौते बेटे है। संघवी मोहन का नाम सूरत के पुराने हीरा कंपनियों के मालिकों में शुमार है। ऐसे में उनके घर की बच्ची का संन्यासी हो जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। देवांशी की मां का कहना है कि उसके मन में बचपन से ही वैराग्य की भावना भरी हुई थी। कम उम्र में ही उसने दोनो वक्त खाना छोड़ दिया था,सिर्फ एक वक्त खाकर रहती थी। 4 साल की उम्र से संन्यासियों के साथ रहना शुरू कर दिया था।