लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है. 45 पन्नों के इस संकल्प पत्र में बीजेपी ने 75 संकल्पों की बात की है.
बीजेपी का संकल्प पत्र जारी करते समय मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत और संगठन मंत्री रामलाल उपस्थित थे. वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने क्षेत्र में प्रचार करने की वजह से शामिल नहीं हो पाए.
अगर साल 2014 के बीजेपी के संकल्प पत्र से तुलना की जाए तो इस बार मंच पर लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी मौजूद नहीं थे. वहीं संकल्प पत्र के कवर पेज पर इस बार बीजेपी के तीन धरोहर अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का नामो-निशान तक नहीं है. इस बार कवर पेज पर केवल एक फोटो है और वो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की.
हालांकि संकल्प पत्र के दूसरी तरफ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर जरूर मौजूद है. लेकिन आगे के पेज पर सिर्फ नरेंद्र मोदी की ही फोटो है. यानि भाजपा इस बार सिर्फ एक नाम पर ही चुनाव में जा रही है और वह है पीएम नरेंद्र मोदी का नाम.
बीजेपी के इतिहास में शायद ये पहला मौका है जब लोकसभा चुनाव के लिए जारी होने वाले संकल्प पत्र में अटल-आडवाणी और जोशी पूरी तरह गायब हैं. साल 2014 का संकल्प पत्र मुरली मनोहर जोशी की अगुवाई में बना था.
एक जमाना था जब पार्टी में यह नारा होता था बीजेपी के तीन धरोहर.. अटल-आडवाणी, मुरली मनोहर. लेकिन पांच साल मोदी सरकार के बाद ये तीनो धरोहर पार्टी के साथ-साथ संकल्प पत्र से भी गायब हो गए हैं. जिन अटल-आडवाणी ने पार्टी की स्थापना की थी उन्हें पार्टी के चेहरे से भी गायब कर दिया गया है.
कभी दो सीटें जीतने वाली बीजेपी को यहां तक पहुंचाने में लालकृष्ण आडवाणी की संगठन क्षमता और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व क्षमता का मुख्य योगदान था. तीसरी धरोहर के रूप में मुरली मनोहर जोशी का नाम आता था.
तीनो पार्टी के अध्यक्ष रह चुके हैं. फिलहाल अब पार्टी पूरी तरह मोदीमय हो चुकी है. मंचों के साथ-साथ तस्वीरों से भी इन नेताओं को गायब कर दिया है. इस बार आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का टिकट भी काट दिया गया है.
Input : Catch News