चुनाव से पहले बिहार में शराबबंदी का मुद्दा फिर से गर्मा गया है। शराबबंदी को हटाने के मुद्दे पर एनडीए में एकराय नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने जहां के शराबबंदी खत्म करने का वादा किया है। मगर बीजेपी ने इसे नकार दिया है। बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने शनिवार को कहा कि वह शराबबंदी के समर्थन में हैं। शराब से बैन हटाने के पक्ष में उनकी पार्टी नहीं है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह शराबबंदी के पक्ष में है। सम्राट ने जीतनराम मांझी के उस बयान को नकार दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी तो शराब से प्रतिबंध हटा दिया जाएगा। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी शराबबंदी का समर्थन करती है। अगर उनकी सरकार आई तो शराबबंदी लागू रहेगी।
बता दें कि जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा बीजेपी नीत एनडीए में शामिल है। इससे पहले मांझी महागठबंधन में थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ रहते हुए भी वे शराबबंदी पर लगातार सवाल उठाते रहे। अब वे महागठबंधन से अलग हो गए हैं तो खुलकर शराबबंदी का विरोध कर रहे हैं।
जीतनराम मांझी ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह फेल है। उनकी सरकार आई तो इस कानून को वापस लिया जाएगा। शराबबंदी से गरीब एवं पिछड़े लोगों को परेशानी हो रही है। सिर्फ दलित और गरीब लोग शराब केस में जेल में बंद हैं। रोजाना 400-500 रुपये कमाने वाला शख्स दो से तीन हजार रुपये का जुर्माना कैसे भरेगा, इसलिए वह जेल चला जाता है। जबकि पैसे वाले लोग जुर्माना भरकर शराब केस में छूट जाते हैं।
Source : Hindustan