बेला फेज-02 में स्नैक्स एंड नमकीन प्रा. लि. की दो यूनिटें है। दूसरी यूनिट में बॉयलर ब्लास्ट हुआ है। इस संबंध में छह महीने पहले ही कामगारों ने खतरे की आशंका जताई थी। इसके विरोध में दो दिन तक काम भी बंद रखा था।
छपरा के रसुलपुर थाने के खजुहान निवासी ललन यादव विस्फोट बॉयलर के हेड ऑपरेटर थे। हादसे में उनकी भी मौत हो गई है। ललन के पुत्र विकास यादव भी इस फैक्ट्री में मिक्सिंग हेल्पर के रूप में काम करते हैं। विकास ने बताया कि पिता की बॉयलर बदलने की बात फैक्ट्री मालिक मान लेते तो हादसा नहीं होता। बकौल पुत्र, ऑपरेटर ललन यादव छह माह से बता रहे थे कि बॉयलर खराब है। वर्क लोड भी अधिक है। इस पर काम करना अब खतरनाक है। इसे बदलना जरूरी है। उन्होंने कई बार प्रोडक्शन मैनेजर विदु प्रकाश व सुपरवाइजर दिग्वजय कुमार को भी नया बॉयलर लगाने के लिए कहा था। दो बार मालिक विक्रम मोदी से भी मांग की थी। डेढ़ माह पहले नया बॉयलर न लगाने पर हुए विवाद के कारण दो दिनों तक फैक्ट्री में श्रमिकों ने काम भी रोका था।
विकास ने बताया कि करीब ढाई माह पहले बॉयलर में रिसाव के कारण हादसा होते-होते बचा। तब दो दिनों तक काम बंद रहा। किसी तरह ठोक-पीटकर काम चलाया जा रहा था। मौके पर पहुंचे पूर्व ऑपरेटर संजय कुमार ने बताया कि बॉयलर की सीमित क्षमता होती है। उससे अधिक प्रोडक्शन लेने पर स्थिति खतरनाक हो जाती है।
हादसे के दो घंटे बाद शुरू हो सका बचाव कार्य
बॉयलर विस्फोट के बाद मौके पर बचाव कार्य में विलंब हुआ। काफी देर तक स्थानीय लोग व फैक्ट्री कर्मी ही घायलों को सदर अस्पताल भेजने की कवायद में जुटे रहे। एक घंटे बाद 11 बजे मिठनपुरा, बेला और नगर थानेदार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। मलबे में दबे शव के चीथड़ों को निकालने व उठाने का काम 12 बजे डीएम व एसएसपी के पहुंचने के बाद शुरू हुआ। साढ़े 12 बजे एनडीआरएफ की टीम पहुंची। इससे पहले पुलिस दो शवों को निकाल कर एम्बुलेंस से भेज चुकी थी। दो शवों के टुकड़ों को कटर से मलबे को काटकर निकाला।
लॉकडाउन में बंद थी फैक्ट्री तो बॉयलर की कैसे हुई जांच: एसएसपी
एसएसपी ने कहा कि पूछताछ में बियाडा के अधिकारियों ने बताया है कि इस फैक्ट्री के बॉयलर की जांच मई में की गई थी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मई में लॉक डाउन के कारण तमाम फैक्ट्रियां बंदी थीं। फैक्ट्री के चालू हालत में ही बॉयलर की जांच संभव है। बंद फैक्ट्री में कैसे बॉयलर जांच की गई, इस संबंध में भी पुलिस पड़ताल करेगी।
सेफ्टी वॉल्व को नजरअंदाज करने से हादसे की आशंका
अत्यधिक प्रेशर के बीच सेफ्टी वॉल्व काम नहीं करने व इसपर ध्यान नहीं देने से बॉयलर फटने की बात सामने आ रही है। इंजीनियरों ने बताया कि प्रेशर कुकर की तर्ज पर फैक्ट्रियों में बॉयलर काम करते हैं। कोयले से बॉयलर को 400 से 800 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है। भूसा से अधिकतम 700 से 800 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होता है।
बॉयलर की जांच करने वाले निरीक्षक पर उठ रहे सवाल
फैक्ट्री में बॉयलर फटने के बाद बॉयलर निरीक्षक की जांच पर सवाल उठने लगे हैं। निरीक्षक ने अंतिम बार बीते मई में जांच की थी। घटना के बारे में बॉयलर निरीक्षक केसी सिंह ने कुछ बताने से असमर्थता जाहिर की। उद्योग, श्रम विभाग व बियाडा के अधिकारियों ने बॉयलर फटने के कारणों के संबंध में बताने से इंकार किया।
घटना की उच्चस्तरीय जांच करायी जा रही : शाहनवाज
शहर पहुंचे जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना जतायी है व घायलों का हालचाल लेते हुए उन्हें ढाढ़स बंधाया है। उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि घटना की उच्चस्तरीय जांच करायी जा रही है। सीएम नीतीश कुमार ने घटना में हताहत हुए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख मुआवजा का ऐलान किया है। वहीं, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि मामले में यदि किसी की लापरवाही सामने आती है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी। पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने कहा कि दुख की इस घड़ी में वे मृतक व घायलों के परिवार के साथ हैं। विधायक विजेंद्र चौधरी ने कहा कि घटना से वे स्तब्ध हैं।
Source : Hindustan