भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने बोतलबंद पानी और मिनरल वॉटर को अत्यधिक जोखिम वाले खाद्य पदार्थों की श्रेणी में शामिल किया है। यह निर्णय उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्ता युक्त उत्पाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लिया गया है।
इस नए नियम के तहत, बोतलबंद पानी और मिनरल वॉटर उत्पादों का साल में एक बार अनिवार्य निरीक्षण किया जाएगा। कंपनियों को लाइसेंस या पंजीकरण प्रदान करने से पहले इन उत्पादों की जांच की जाएगी। इसके अतिरिक्त, थर्ड पार्टी द्वारा हर साल ऑडिट भी किया जाएगा। यह कदम केंद्र सरकार द्वारा इस उद्योग से भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का सर्टिफिकेशन अनिवार्य होने की शर्त को हटाने के बाद उठाया गया है।
बोतलबंद पानी की शुद्धता और गुणवत्ता को लेकर लंबे समय से चिंताएं बनी हुई हैं। कई बार जांच में पानी में बैक्टीरिया, कीटनाशक के अवशेष और अन्य हानिकारक तत्व पाए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सस्ती और नकली ब्रांड्स की बोतलों में शुद्धता की कोई गारंटी नहीं होती, जिससे उपभोक्ताओं की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
नए नियमों से इस क्षेत्र में गुणवत्ता मानकों के पालन को सुनिश्चित किया जाएगा और उपभोक्ताओं को सुरक्षित उत्पाद प्रदान करने में मदद मिलेगी।