मुजफ्फरपुर। सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को अब नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के साथ अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा। राज्य सरकार ने इस उद्देश्य के लिए एक विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। बाबुओं और अधिकारियों को न केवल अपने व्यवहार में सुधार करना होगा, बल्कि कार्यालय में आने वाले लोगों की न्यूनतम सुविधाओं का भी ध्यान रखना होगा। प्रत्येक सरकारी कार्यालय में एक शिकायत पेटिका लगाई जाएगी, जिसमें आगंतुक अपनी शिकायतें लिखकर डाल सकेंगे, जिन पर वरिष्ठ अधिकारी कार्रवाई करेंगे। सामान्य प्रशासन विभाग इस प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करेगा।
सामान्य प्रशासन विभाग की विशेष सचिव रचना पाटिल ने इस संबंध में सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि अक्सर सरकारी कर्मियों द्वारा जनता के साथ समुचित व्यवहार नहीं किया जाता, जिसकी शिकायतें विभिन्न स्रोतों से मिलती रहती हैं।
जनप्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाते अधिकारी:
जनप्रतिनिधियों की यह आम शिकायत है कि अधिकारी उनका फोन नहीं उठाते, जिससे उनके काम में कठिनाई होती है। अधिकारियों को अब लोगों के बैठने की व्यवस्था, पुरुष और महिला के लिए अलग-अलग शौचालय, बिजली की व्यवस्था, साफ-सफाई आदि सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी। इन मामलों में कोताही पर कार्रवाई की जा सकती है।
इन कार्यालयों को अभियान में शामिल किया जाएगा:
जिन कार्यालयों से सरकार को सबसे अधिक शिकायतें मिल रही हैं, उन्हें इस अभियान में प्रमुखता से शामिल किया जाएगा। इनमें डीएम कार्यालय, एसडीओ कार्यालय, प्रखंड कार्यालय, अंचल कार्यालय, जिला कोषागार, वाणिज्यकर, जिला परिवहन कार्यालय, निबंधन कार्यालय, जनसंपर्क कार्यालय, थाना, पुलिस निरीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, नगर निगम, कल्याण कार्यालय, जिला अस्पताल, कृषि कार्यालय और बिजली कार्यालय शामिल हैं।
- सरकारी कार्यालयों में अपनी शिकायत लिखकर बॉक्स में डाल सकेंगे आम आदमी
- सामान्य प्रशासन विभाग करेगा शिकायत पेटिका की मॉनिटरिंग
लोगों से पत्र के जरिए ली जाएंगी शिकायतें और सुझाव:
कार्यालयों में शिकायत पेटिका के अलावा, सरकारी कर्मियों और कार्यालय के व्यवहार के बारे में लोगों से पत्र के माध्यम से शिकायतें और सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। इन पत्रों का समुचित जवाब दिया जाएगा और उन पर कार्रवाई की जाएगी। सभी पत्रों का डेटा तैयार किया जाएगा और उन पर की गई कार्रवाई की जानकारी भी विभाग को देनी होगी।
सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों को अब आम लोगों के साथ अपने व्यवहार में बदलाव लाना पड़ेगा। सामान्य प्रशासन विभाग इसको लेकर ‘लोक संवेदना अभियान’ चलाएगा।