बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा (Combined Civil Services Examination) के अंतर्गत आयोजित होने वाली प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में संशोधन के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को प्रस्ताव भेजा है। आयोग की परीक्षा का संशोधित पाठ्यक्रम संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Examination) के पाठ्यक्रम (Syllabus) से बहुत हद तक मिलता-जुलता होगा। इसमें कई नए टॉपिक शामिल किए गए हैं। हां, यूपीएससी की परीक्षा में अंग्रेजी (English) में न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त करने की अनिवार्यता है। बीपीएससी की परीक्षा में अंग्रेजी की अनिवार्यता लागू नहीं की जाएगी।
परीक्षा के पैटर्न में किसी बदलाव का प्रस्ताव नहीं
सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के पैटर्न में किसी तरह के बदलाव का प्रस्ताव नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों के अनुसार आयोग के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। मंजूरी प्राप्त होने पर आयोग को बदलाव करने की स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी।
संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि संशोधित पाठ्यक्रम पर सामान्य प्रशासन विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है। क्या-क्या शामिल होगा? इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। विभाग से स्वीकृति व अन्य प्रकिया पूरी होने के बाद ही अभ्यर्थियों को आयोग की वेबसाइट के माध्यम से जानकारी दी जाएगी।
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय टॉपिक किए जाएंगे शामिल
विशेषज्ञों का कहना है कि अन्य राज्य आयोग की तुलना में बीपीएससी के पाठ्यक्रम में सामान्य ज्ञान व मुख्य परीक्षा के लिए निर्धारित टॉपिक थोड़े कम हैं। इनमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टॉपिक्स को जोडऩे की मांग पुरानी है। विशेषज्ञों की कमेटी ने आयोग को पर्यावरण, कंप्यूटर साइंस, प्रदूषण, प्रबंधन, अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, आपदा प्रबंधन आदि टॉपिक्स को ज्यादा प्रभावी बनाने की सलाह दी है।
एक एग्जाम की तैयारी से दो की होगी तैयारी
विशेषज्ञों का कहना है कि अधिसंख्य राज्य लोक सेवा आयोग के पाठ्यक्रम यूपीएससी के पाठ्यक्रम से मिलते-जुलते ही हैं। बिहार में भी दोनों का कमोबेश एक-समान होने पर अभ्यर्थियों को दोनों परीक्षा की तैयारी के लिए अतिरिक्त मेहनत नहीं करनी होगी। बीपीएससी के प्रश्न बिहार को प्रभावित करने वाली घटनाओं तथा यूपीएससी के प्रश्न देश को प्रभावित करने वाली घटनाओं पर केंद्रित होंगे। इस फॉर्मूले को कमोबेश सभी आयोग मानते हैं।