बिहार में तीन दशक बाद पकड़ौआ विवाह के मामलों में एक बार फिर तेजी देखी जा रही है। साल 2024 में इस प्रथा में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। हालिया मामला बेगूसराय जिले का है, जहां एक बीपीएससी शिक्षक का जबरन विवाह करा दिया गया।
कटिहार में पोस्टेड एक शिक्षक, जो रजौड़ा सिकंदरपुर गांव के रहने वाले हैं, का चार साल के रिश्ते के बाद शादी से इनकार करना भारी पड़ गया। जानकारी के अनुसार, शिक्षक अवनीश कुमार और लड़की के बीच प्रेम संबंध थे। लड़की के परिजनों ने शादी के लिए बात की, लेकिन लड़के ने इनकार कर दिया। इसके बाद, लड़की के परिजन कटिहार पहुंचे और एक मंदिर में दोनों की जबरन शादी करा दी।
शादी के बाद लड़की अपने परिजनों के साथ लड़के के घर पहुंची, लेकिन लड़के के परिवार ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया। मामले में लड़की ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
अवनीश ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि उसका लड़की से कोई संबंध नहीं था। उनका दावा है कि कुछ लोगों ने जबरदस्ती उनका अपहरण कर शादी कराई। उन्होंने स्थानीय पुलिस और कटिहार एसपी को घटना की जानकारी दी है।
पकड़ौआ विवाह बिहार की एक पुरानी प्रथा है, जिसमें योग्य लड़के का अपहरण कर डराकर शादी करा दी जाती है। यह प्रथा 1980 के दशक में मिथिलांचल के बेगूसराय, दरभंगा और मधुबनी जिलों में सबसे अधिक प्रचलित थी। हालांकि, 1990 के दशक के बाद इसमें गिरावट आई थी, लेकिन 2024 में इसके मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
मिथिलांचल सहित बिहार के 18 जिलों में अब तक 70 से अधिक पकड़ौआ विवाह हो चुके हैं। विशेषज्ञ इसे सामाजिक और कानूनी चुनौती मानते हुए इस पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पकड़ौआ विवाह की बढ़ती घटनाएं समाज के लिए चिंता का विषय बनती जा रही हैं। इसके खिलाफ कानून को सख्ती से लागू करने की जरूरत है ताकि ऐसी प्रथाओं पर रोक लगाई जा सके।
Input : NDTV